Showing posts with label finance. Show all posts
Showing posts with label finance. Show all posts

Sunday, March 9, 2025

March 09, 2025

यह बियर मार्केट 2008 जैसा नहीं है: समीर अरोड़ा

 



हाल के दिनों में वैश्विक बाजारों में आई गिरावट ने निवेशकों के बीच चिंता बढ़ा दी है। हालांकि, एक प्रमुख निवेशक का मानना है कि यह बियर मार्केट 2008 के वित्तीय संकट जैसा नहीं है। उनके अनुसार, इस बार की स्थिति काफी अलग है, और निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है।


2008 और 2023 के बाजार में अंतर

2008 का वित्तीय संकट बैंकिंग प्रणाली में गहरे संकट के कारण पैदा हुआ था। उस समय, बड़े वित्तीय संस्थानों के पतन ने पूरी अर्थव्यवस्था को हिला दिया था। लेकिन इस बार, स्थिति बिल्कुल अलग है।

निवेशकों के अनुसार, वर्तमान बाजार में गिरावट का मुख्य कारण मुद्रास्फीति और ब्याज दरों में वृद्धि है। केंद्रीय बैंकों द्वारा मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए ब्याज दरों में वृद्धि की गई है, जिससे निवेशकों के बीच अनिश्चितता बढ़ी है। हालांकि, यह स्थिति 2008 के संकट जितनी गंभीर नहीं है।


निवेशकों के लिए सलाह

प्रमुख निवेशक का कहना है कि निवेशकों को इस समय घबराने की जरूरत नहीं है। उनके अनुसार, बाजार में उतार-चढ़ाव एक सामान्य प्रक्रिया है, और यह समय धैर्य बनाए रखने का है।

उन्होंने यह भी सलाह दी कि निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो को संतुलित रखना चाहिए और उच्च-गुणवत्ता वाले स्टॉक्स में निवेश करना चाहिए। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि बाजार में गिरावट के दौरान अच्छे अवसर मिल सकते हैं, और निवेशकों को इन अवसरों का लाभ उठाना चाहिए।


भारतीय बाजार की स्थिति

भारतीय बाजार की बात करें तो, यह वैश्विक बाजारों की तुलना में अधिक मजबूत स्थिति में है। भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर और कंपनियों के मजबूत मूलभूत तत्वों के कारण, भारतीय बाजार वैश्विक अस्थिरता से कम प्रभावित हुआ है।

हालांकि, निवेशकों को अभी भी सतर्क रहने की आवश्यकता है। ब्याज दरों में वृद्धि और मुद्रास्फीति के कारण, बाजार में अस्थिरता बनी रह सकती है। लेकिन, लंबी अवधि के निवेशकों के लिए यह समय अच्छे अवसर प्रदान कर सकता है।


निष्कर्ष

वर्तमान बाजार में गिरावट 2008 के वित्तीय संकट जैसी नहीं है। इस बार की स्थिति काफी अलग है, और निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है। धैर्य और संतुलित दृष्टिकोण के साथ, निवेशक इस चुनौतीपूर्ण समय में भी अच्छे रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं।

भारतीय बाजार की मजबूत स्थिति और कंपनियों के मूलभूत तत्वों के कारण, लंबी अवधि के निवेशकों के लिए यह समय अवसरों से भरा हुआ है। इसलिए, निवेशकों को सतर्क रहते हुए इन अवसरों का लाभ उठाना चाहिए।

भारत-चीन संबंध और स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव टॉक्स का महत्व

  प्रस्तावना भारत और चीन एशिया की दो सबसे बड़ी शक्तियाँ हैं। दोनों देशों के बीच हजारों किलोमीटर लंबी सीमा है, लेकिन यह सीमा पूरी तरह से तय...