मृत्यु के बाद जन्म और जन्म के बाद मृत्यु, यह दुनिया का एक अटल सत्य है। वे लोग जो पुनर्जन्म की बात पर विश्वास नहीं करते उनके लिए यह बात पचानी काफी मुश्किल है कि वाकई आत्मा अमर है और शरीर छोड़ने के पश्चात वह नया शरीर धारण करती है।
किस्से-कहानियों में हमने आत्मा के अलग ही रंग-रूप को देखा है लेकिन वाकई आत्मा शरीर को छोड़कर बाहर निकलती है यह बात कुछ समय पहले तक एक रहस्य थी। लेकिन अब इस रहस्य से भी पर्दा उठा दिया गया है।
आत्मा का आकार क्या होता है, उसका स्वरूप क्या होता है, क्या वो इंसान के चेहरे की तरह ही दिखती है या उसकी आकृति अलग होती है? यह कुछ ऐसे सवाल हैं जो अकसर एक जागरुक मस्तिष्क में उठते रहते हैं।
रूस के प्रख्यात वैज्ञानिक कोंस्तांतिन कोरोत्को ने अपने एक नए प्रयोग के द्वारा यही बात साबित करने की कोशिश की कि आखिर आत्मा का वास्तविक स्वरूप क्या है और आत्मा शरीर को किस तरह छोड़ती है।
कोंस्तांतिन कोरोत्को ने बायोइलेक्ट्रोग्राफिक कैमरे की सहायता से जीवन की अंतिम सांसें गिन रहे व्यक्ति की गतिविधि को कैप्चर करने का निर्णय किया।
किरकियन फोटोग्राफी के सहारे कोंस्तांतिन कोरोत्को ने देखा कि जब व्यक्ति मरने वाला होता है तो सबसे पहले उसके मस्तिष्क और नाभि की ऊर्जा समाप्त होती है। जबकि जांघ और हृदय सबसे अंत में अपनी ऊर्जा खोते हैं।
इसके अलावा वे लोग जिनकी मौत अचानक या फिर हिंसात्मक तरीके से होती है उनकी आत्मा जब शरीर छोड़ती है तो वो थोड़ा अलग होता है।
कोंस्तांतिन कोरोत्को के अनुसार वे लोग जिनकी मृत्यु अचानक होती है या लंबी बीमारी के बाद जिनकी आत्मा शरीर छोड़ती है उस समय तक उनके शरीर की ऊर्जा का क्षय बहुत कम हुआ होता है। इसलिए उनकी आत्मा दुविधा में रहते हुए शरीर छोड़ती है, उनके शरीर के किस हिस्से की मृत्यु पहले होगी यह बात निश्चित नहीं रहती।
सेंट पीटर्सबर्ग स्थित रिसर्च इंस्टिट्यूट ऑफ फिजिकल कल्चर के निर्देशक कोंस्तांतिन कोरोत्को द्वारा विकसित की गई ये तकनीक रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा समर्थित है और करीब 300 डॉक्टर इस तकनीक के सहारे कैंसर से पीड़ित लोगों के हालातों पर नजर रखे हुए हैं।
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