Thursday, April 7, 2016

पौधों का गुप्त जीवन


पीटर टौम्प्किनऔर क्रिस्टोफर बर्ड
मानव जीवन की सच्ची मैट्रिक्स (आव्यूह) माँ पृथ्वी पर फैली हरियाली की चादर है, लिखते हैं पीटर टौम्प्किनऔर क्रिस्टोफर बर्ड।
कुल मिलाकर,25 लाख वर्ग मील क्षेत्रफल पत्ती की सतहेंप्रतिदिन, इंसानों और जानवरों के लिए ऑक्सीजन और खाद्य उत्पादन करने हेतु प्रकाश संश्लेषण की चमत्कारिक प्रक्रिया में लगी हुईहैं।प्रमाण अब कवियों और दार्शनिकों की उस दृष्टि का समर्थन करता है किपौधेभी जीवित, साँस लेते हुए, और संवाद करते हुए जीव हैं जो व्यक्तित्व और आत्मा की विशेषताओं के साथ संपन्न हैं।
पौधे आप को प्रत्युत्तर दे सकते हैं 
मार्सेल वोजल आईबीएम द्वारा आईबीएमके इंजीनियरों और वैज्ञानिकों के लिए रचनात्मकता में एक पाठ्यक्रम देने के लिए सम्बद्ध किए गए।प्रयोगों ने बताया कि पौधों ने मानसिक ऊर्जा का प्रत्युत्तर दिया था।यदि उन्होंने ध्यान दिया, एक पौधे ने ठीक वैसी ही प्रतिक्रिया दी जैसी कोई इंसानी दोस्त या प्रेमी देता है।
पियरे पॉल सौविन एक ऐसी प्रणाली को तैयार करने में सक्षम थे जिसके चलते एक बर्फीली रात को घर लौट रहा एक आदमी अपने गैराज के दरवाज़े खोलने के लिए अपने पालतू फिलोडेनड्रोनकोसंकेत दे सका।
एल जॉर्ज लॉरेंस बाहरी अंतरिक्ष से अजीब से संकेतों को प्राप्त करने के लिए जीवित ऊतक का उपयोग करने में सक्षम थे, जो मित्र-मंडली के बीच प्रसारण सा होता प्रतीत होता है।यदि वैश्विक स्तर पर सत्यापन परीक्षण आयोजित किए जाते हैं, तो जैविक प्रसारण सुनना संभव है।
सोवियत वैज्ञानिकों ने पाया है कि पौधे अपनी भावनाएँहम तक पहुँचा सकते हैं। दर्द से उपजती रुलाई एक अत्यंत संवेदनशील इलेक्ट्रॉनिक उपकरण के माध्यम से सुनी जा सकतीहै।करमेनोव उम्मीद करते हैं कि पौधे अपने पर्यावरण को स्व-संचालित करने और अपने स्वयं के विकास के लिए इष्टतम स्थितियाँ स्थापित करने में सक्षम हो जाएँगे।एक पौधा भेद कर सकता है कि दुश्मन कौन है और दोस्त कौन। एक पौधा जिसे पानी दिया गया हो, वह उसे अपने किसी वंचित पड़ोसी के साथ साझा कर सकता है। दूरगामी संभावना है किधूप को बिजली में बदलने के लिए क्लोरोफिल का इस्तेमाल किया जा सकता है।
जे. सी. बोस द्वारा की गयी खोज
बोस ने पाया कि धातुओं, पौधों और जानवरों की प्रतिक्रियाओं के बीच शायद ही कोई अंतर था।घटित होती चीज़ों का अकार्बनिक, वनस्पति और संवेदनशील में विभाजन उनके द्वारा कृत्रिम पाया गया था।
गेटे (गोएथे) ने पाया किपौधों के रूपपूर्व निर्धारित नहीं होते, लेकिन खुशी-खुशी गतिशील और लचीले होते  हैं, जिससे वे दुनिया भर में अनेकों परिस्थितियों के अनुकूल हो जाने में उन्हें सक्षम बनाता है। उन्होंने ओछेपन के एक सिद्धांत का सुझाव जिसके अनुसार सेब अपने पेड़ की शाख तक पहुंचा, ठीक वैसे जैसे गुरुत्वदलील देता है कि क्यों सेब टूट के ज़मीन पर आ गिरता है।उसने पृथ्वी और उसके जलमंडल (हाइड्रोस्फीअर) की तुलना एक महान जीवित प्राणी से की, जो लगातार सांस लेता, सांस छोड़ता है।
लूथर बरबैंक ने पाया कि पौधों को जैसा आप चाहें वैसा विकसित होने के लिए राज़ी किया जा सकता है। वास्तव में, वे शायद ही कभी स्थिर या परस्पर अदल-बदल होने योग्य थे। वे आपके चुने हुए अधिक सुंदर रंगों और रूपों में ढाले जा सकते हैं। बरबैंक अक्सर पौधों से बात करते थे औरविशुद्ध रूप से सुरक्षा और प्यार के अपने आश्वासनों के माध्यम से कैक्टसों को अपनी कांटेरहित किस्में विकसित करने के लिए फुसलाने में सक्षम थे।
कार्वर पौधों से महज़ बातचीत कर के उनका इलाज करते हुए, उन्हें स्वस्थ कर सकते थे। उन्होंने सैकड़ों उत्पादबनाए और आविष्कारित किए, लेकिन कभी अपने आविष्कारों से पैसा नहीं कमाया।जब वे एक फूल को छूते थे, उनका कहना था वे अनंत को छू लेते थे।उनका दावा था कि, सारे राज़ बाइबल में हैं, पर तभी जब लोग उस पर विश्वास कर सकें।
 
पौधे संगीत से प्यार करते हैं 
पौधों और जानवरों पर संगीत के प्रभाव का महिमा-मंडान कृष्ण और तानसेन की कहानियों में बड़े ज़ोर-शोर से किया जाता है। प्रोफेसर टीसी सिंह ने अन्नामलाई विश्वविद्यालय में यह सिद्ध करने के लिए प्रयोग किए कि हार्मोनिक ध्वनि तरंगें पौधों के विकास, फूल खिलने, फल लगने और बीज की पैदावार को प्रभावित करती हैं।पश्चिमी और भारतीय शास्त्रीय संगीत का प्रत्युत्तर बहुत सकारात्मक था।
पदार्थ से पहले मन 
वैज्ञानिकगण डी ला वार्र और उनकी पत्नी ने एक ब्लैक बॉक्स तैयार किया जो कुछ दूर से पौधों के विकास को प्रभावित करने के लिए एक तस्वीर का इस्तेमाल करता था।उन्होंने अद्भुत परिणाम पाए।इसके अलावा,आगे के परीक्षण यह दर्शाते हुए दिखे कि पौधे मशीनों से निकलने वाले विकिरणों को नहीं बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से प्रयोगों में शामिल मनुष्यों को प्रत्युत्तर दे रहे थे।
प्रभावतब भी पर्याप्त था जब कोई अविकिरण नहीं किया गया था, लेकिन प्रयोग टीम को विश्वास दिलाया गया था का मामला कुछ वैसा ही है।रेवरेंड फ्रेंकलिन लोएह्र ने पौधों के विकास पर प्रार्थनाओं के प्रभाव की स्थापना की।

No comments:

Post a Comment

Father's Day 2025: Heartfelt Wishes, Quotes, Images & Messages to Share with Your Dad

  Father’s Day is a special occasion to honor and appreciate the  love, sacrifices, and guidance  of fathers and father figures. Whether you...