अंक ज्योतिष एक महत्वपूर्ण विद्या है, जिसके द्वारा अंकों के माध्यम से
व्यक्ति के विषय एवं उसके भविष्य को जानने का प्रयास किया जाता है. अंक
ज्योतिष में अंकों के माध्यम द्वारा गणित के नियमों का व्यवहारिक उपयोग
करके मनुष्य के विभिन्न पक्षों, उसकी विचारधारा , जीवन के विषय इत्यादि का
विशद विवरण प्रस्तुत करने का प्रयास किया जाता है. अंक ज्योतिष को अंक
विद्या या अंक शास्त्र और संख्या शास्त्र इत्यादि के नाम से भी जाना जाता
है. अंक शास्त्र में नौ ग्रहों सूर्य, चन्द्र, गुरू, यूरेनस, बुध, शुक्र,
वरूण, शनि और मंगल को आधार बनाकर उनकी विशेषताओं के आधार पर गणना की जाती
है.
अंक ज्योतिष को अंग्रेजी में न्यूमरोलॉजी के नाम से पहचाना जाता है. यदि हम अंक ज्योतिष के इतिहास को जानने का प्रयास करें तो पाएंगे कि इसका इतिहास 10,000 पूर्व से भी पहले का रहा होगा मिस्र, बेबिलोन और ग्रीस में इनकी जडों का पनपना आरंभ हुआ तथा पाइथागोरस जी के कार्यों द्वारा इन्हें प्रमुखता प्राप्त हुई. कोई भी दिन अंकों के बिना नहीं बीतता है. मिस्र के महान गणित शास्त्र पायथागोरस ने अंकों की महत्ता के विषय में इस तथ्य का अनुमोदन किया कि “ Number rules the universe’’ अर्थात अंक ब्रह्मांड पर राज करते हैं.
अंक अर्थात् नंबर (Number) और इस शास्त्र को अंग्रेजी में Numerology कहते हैं. इस शास्त्र के समान ही मिलता जुलता दूसरा आंकड़ा शास्त्र (Statistics) भी है. जिसमें तथ्यों, घटनाओं, गुणधर्मों आदि अंकों की जानकारी एकत्र करके उसका वैज्ञानिक और गणित के रूप में उपयोग किया जाता है. परंतु यह अंकशास्त्र (Statistics) अपने अंकशास्त्र ज्योतिष से बिल्कुल अलग है.
अति प्राचीन समय में अंकशास्त्र या संख्याशास्त्र का ज्ञान हिन्दुओं, ग्रीकों, खाल्डीओं, हिब्रुओं, इजिप्ट वासियों और चीनियों को था. अपने देश के प्रश्न विचार, स्वरोदम शास्त्र आदि प्राचीन ग्रंथों में अंकशास्त्र का अच्छा उपयोग हुआ है. अंकशास्त्र की व्याख्या देना बहुत ही कठिन है. इसके विषय में वोल्टर बी ग्रिब्सन द्वारा दी गई व्याख्या याद रखने जैसी है. ‘गणित शास्त्र के मूलभूत सिद्धांतों का मनुष्य के भौतिक अस्तित्व (या भौतिकी उत्कर्ष) के लिए होने वाला व्यवहारिक उपयोग ही अंकशास्त्र है’.
अंकशास्त्र विद्वानों का मानना है कि अंकशास्त्र का प्रारंभ हिब्रू मूलाक्षरों से हुआ है. अंक ज्योतिष हिब्रू लोगों का विषय रहा है. इसके अनुसार इजिप्ट की जीप्सी जनजाति ने भी इस शास्त्र को विकसित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया.
हिब्रू में ‘बाईस’ मूलाक्षर हैं और प्रत्येक अक्षर को क्रम अनुसार एक से बाईस अंक दिए गए हैं. हिब्रू लोग अक्षरों के स्थान पर अंक और अंकों के स्थान पर अक्षरों का उपयोग करते थे. अक्षरों और अंकों के अधिपतियों के रूप में अलग-अलग राशियों तथा ग्रहों को निश्चित किया गया था. अत: हिब्रू लोगों के समय से ही अक्षरों, अंकों, राशियों और ग्रहों के मध्य संबंध स्थापित हुआ मान सकते हैं और यह संबंध ही अंकशास्त्र के आधार रूप हैं.
अंक शास्त्र में प्रत्येक ग्रह के लिए 1 से लेकर 9 तक एक अंक निर्धारित किया गया है, जो इस बात पर निर्भर करता है कि कौन से ग्रह पर किस अंक का असर होता है और यही नौ ग्रह मनुष्य के जीवन पर अपना प्रभाव डालते हैं. जन्म के समय ग्रहों की जो स्थिति होती है, उसी के अनुसार उस व्यक्ति का व्यक्तित्व निर्धारित हो जाता है. इसलिए, जन्म के पश्चात व्यक्ति पर उसी अंक का सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है, जो कि व्यक्ति का स्वामी होता है. यदि एक व्यक्ति का अंक किसी दूसरे व्यक्ति के अंक के साथ मेल खा रहा हो तो दोनों व्यक्तियों के मध्य एक अच्छा संबंध बनता है.
अंक ज्योतिष शास्त्र में क, ख, ग, घ के अक्षरों और अंकों पर विचार किया जाता है. व्यक्ति के नाम के अक्षर अंग्रेजी में लिखकर प्रत्येक अक्षर की अंक गणना करके नाम का नामांक प्राप्त किया जाता है. तथा जन्म तारीख, माह एवं वर्ष के अंकों का योग करके भाग्यांक प्राप्त किया जाता है तथा इसके द्वारा भविष्यवाणी की जाती है.
ज्योतिष शास्त्र जैसी कठिन गणना करने की आवश्यकता नहीं पड़ती, अंकशास्त्र में जन्म के समय की जानकारी न भी हो तब भी जन्म तारीख व नाम के आधार पर ही व्यक्ति के व्यवसाय, मित्रों, भागीदारों, उसके जीवने के उतार-चढावों तथा उसके जीवन के महत्वपूर्ण समय के लाभ व हानि संबंधी बहुत सी बातें अंकशास्त्र की सहायता द्वारा जानी जा सकती हैं.
अंग्रेजी का ज्ञान तथा गणित के सरल उपयोग द्वारा अंकशास्त्र के ज्योतिष ज्ञान में निपुणता प्राप्त कि जा सकती है. प्राचीन हिब्रू पद्धति के किरो, मोन्ट्रोझ, डॉक्टर क्रोस विद्वानों ने अंकों का ग्रहों के साथ संबंधित स्वीकार्य किया था वह संबंध इस प्रकार हैं.
सूर्य का धनात्मक अंक -1 और सूर्य का ऋणात्मक अंक -4, चंद्रमा का धनात्मक अंक -7 और ऋणात्मक अंक -2 है.
मंगल का अंक -9, बुध का अंक -5, गुरु का अंक -3, शुक्र का अंक -6, शनि का अंक -8, युरेनस का अंक -4, नेपच्यून का अंक -7
आधुनिक अंकशास्त्री टेयलर, जेम्स ली, हेलन हिचकोक, गुडमेन इत्यादि इन संबंध रूप को स्वीकार नहीं करते तथा इसमें कुछ परिवर्तन करते हैं.
सूर्य का अंक -1, चंद्र का अंक -2, गुरु का अंक -3, शनि का अंक -4, बुध का अंक -5, शुक्र का अंक -6, युरेनस का अंक -7, मंगल का अंक -8, नेपच्यून का अंक -9, प्लूटो का अंक -0
कुछ आधुनिक अंकशास्त्री तो अंकों को ग्रहों के साथ संबंधित किए बिना ही उसके गुण- धर्म आदि का वर्णन करते हैं.
हिब्रू या पुरानी पद्धति में मूलाक्षरों को निम्न अंक दिए गए हैं. यह क्रम हिब्रू मूलाक्षर के क्रम अनुसार होने से अंग्रेजी मूलाक्षर के आधुनिक क्रम से सुसंगत नहीं है.
A, B, C, D, E, F, G, H, I, J, K, L, M
1, 2, 3, 4, 5, 8, 3, 5, 1, 1, 2, 3, 4,
N, O, P, Q, R, S, T, U, V, W, X, Y, Z,
5, 7, 8, 1, 2, 3, 4, 6, 6, 6, 5, 1, 7
पुरानी पद्धति में किसी को भी 9 का अंक नहीं दिया है तथा इसमें कोई निश्चित क्रम भी नहीं है लेकिन आधुनिक पद्धति में अक्षरों को 9 अंक दिया गया है जो इस प्रकार हैं.
A, B, C, D, E, F, G, H, I,
1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9,
J, K, L, M, N, O, P, Q, R,
1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9,
S, T, U, V, W, X, Y, Z,
1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8,
अंकशास्त्र की पुरानी पद्धति में 11, 12 और 33 के अंकों को विशिष्ट स्थान नहीं दिया गया. लेकिन आधुनिक पद्धति में 11, 22 और 33 के अंकों को विशिष्ट स्थान प्राप्त है.
0 और 1 से 9 तक के अंकों को मुख्य या मूल अंक कहा जाता है. कुछ अंकशास्त्री 0 को अंक के रूप में स्वीकार नहीं करते फिर भी उसके अंकशास्त्र में महत्व को स्वीकारते हैं. नौ अंकों के अतिरिक्त दस से आगे के अंकों को मिश्रित अंक कहा जाता है. इस प्रकार अंकों के दो प्रकार हैं. प्रथम 1 से 9 तक के मुख्य या मूल अंक और ददूसरा 10 और उसके बाद के तक के मिश्र अंक हैं. कई बार मिश्रांकों मुख्य अंक में बदलने की आवश्यकता पड़ती है जैसे - 22 = 2+2 = 4, फ्लोरन्स केम्पबेल इन अंकों के बारे में कहते हैं कि ‘‘जिन्हें मास्टर नंबर (11 और 22) प्राप्त हैं वह नेतृत्व के गुणों से संपन्न होते है.
1+5+1+3+2+6+4+1+2= 25 = इस प्रकार इस व्यक्ति का नामांक 7 है.
1 से 9 तक के अंक के बाद के अंक ज्योतिष में अंकों की पुनरावृत्ति होती है,
अतः हम 9 के बाद के वाले अंक को इस क्रम में रखते हैं जैसे , मकर 10 = 1+0 = 1, कुंभ 11 = 1+1 = 2, मीन 12 = 1+2 =3
इस प्रकार हम राशि, उनके स्वामी का शुभ सहयोगी अर्थात सहानुभूति अंक प्राप्त कर सकते हैं.
मूलांक क्या है और यह किस प्रकार जाना जा सकता है इसके बारे में कुछ तथ्य प्रस्तुत किए गए हैं. इन महत्वपूर्ण तथ्यों द्वारा मूलांक ज्ञात किया जा सकता है. अपने बारे में जानने का और भविष्य में घटने वाली घटनाओं का अनुमान लगाने का अंक ज्योतिष एक सरल व सुगम माध्यम बनता है.
मूलांक को अंग्रेजी में ‘Life Path Number’ ‘लाइफ पाथ नम्बर’ कहते हैं यह मूलांक आपके विषय में अनेक बातों स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करता है तथा मूलांक द्वारा किसी भी व्यक्ति विशेष के बारे में अनेक मुख्य विषयों का पता लगाया जा सकता है.
मूलांक व्यक्ति कि जन्म की तारीख का योग है अर्थात जिस तारीख या तिथि को आपका जन्म हुआ होगा उस तारीख का जोड़ या योग ही उस व्यक्ति का मूलांक होता है. मूलांक को प्राप्त करके अंक शास्त्र द्वारा मनुष्य के स्वभाव एवं उसकी विशेषताओं का पता लगा सकता है. मूलांक से हम जान सकते हैं कि व्यक्ति जन्म के समय क्या था, किन गुणों से वह युक्त होगा तथा उसके भीतर कौन सी कमियाँ हो सकती हैं.
अंक शास्त्र में मूलांक का महत्वपूर्ण स्थान रहा है. अंक शास्त्र में केवल अंकों के माध्यम से किसी व्यक्ति के जीवन के बारे में सारगर्भित व्याख्यान प्रस्तुत किए जाते हैं. अंक शास्त्र कि मूलांक विधि द्वारा सरलता पूर्वक कई बातों का पता लगाया जा सकता है. ज्योतिष शास्त्र में हमे किसी व्यक्ति के विषय में बताने के लिए उसकी जन्म तिथि तथा जन्म स्थान का सहारा लेना पड़ता है.
लेकिन कई बारे जन्म का समय या स्थान सही ज्ञात नहीं होता या मालूम ही नहीं होता ऐसे में ज्योतिष के माध्यम से जन्म कुंडली बनाना एक बहुत मुश्किल कार्य होता है अत: ऐसे समय में अंक शास्त्र द्वारा मूलांक विधि से उन लोगों के लिए एक सटीक आधार तैयार किया जा सकता है तथा उनके विषय में अनेक बातें भी बताई जा सकती हैं.
लेकिन जिनका जन्म 9 से अधिक संख्या वाली तारीख को हुआ है तो उनके जन्मतिथि को आपस में जोड़कर मूलांक प्राप्त किया जा सकता है, जैसे जिनका जन्म 25 तारीख को हुआ होगा तो उनका मूलांक प्राप्त करने के लिए
2+5 = 7 होगा, या 28 तारीख का जन्म है तो दोनों अंकों को जोड़ कर एकल अंक बना लें.
2+8 = 10 फिर से इस अंक को जोड़ कर एकल अंक बना लें. 1+0 = 1, इस प्रकार मूलांक ‘1’ प्राप्त होता है. मूलांक मनुष्य के स्वभाव, व्यवहार एवं गुण,दोष आदि के बारे जानकारी देता है. जीवन में क्या उपयोगी है और किससे बचना चाहिए यह मूलांक से जाना जाता है.
जिन व्यक्तियों का जन्म 2, 11, 20, 29 में हुआ है तो उनका मूलांक 2 होगा.
जिन व्यक्तियों का जन्म 3,12,21,30 तारीख वालों का मूलांक 3 होता है.
जिन व्यक्तियों का जन्म 4,13,22,31 तारीख को हुआ हो उनका 4 मूलांक होता है.
जिन व्यक्तियों का जन्म 5,14,23, तिथि का है तो उनका मूलांक 5 मूलांक होगा.
जिन व्यक्तियों का जन्म 6,15,24 तारीख को हुआ है तो उन जातकों का मूलांक 6 होगा.
जिन व्यक्तियों का जन्म 7,16,25 दिनांक में हुआ है तो उनका मूलांक 7 होगा.
जिन व्यक्तियों का जन्म 8,17,26 में हुआ है उन जातकों का मूलांक 8 होता है.
जिन व्यक्तियों का जन्म 9,18,27 तारीख में हुआ हो उन जातकों को मूलांक 9 होगा.
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ज्योतिष कि विद्याओं में अंक विद्या भी एक महत्वपूर्ण विद्या है. अंक विद्या में ‘1’ मूलांक को सूर्य का मूलांक कहा गया है. एक मूलांक को सौभाग्य मूलांक (Destiny Number/ Lucky Number) कहा जाता है. यह नम्बर परिवर्तनशील है. व्यक्ति के नाम के अक्षरों के कुल योग से बनने वाले मूलांक को सौभाग्य मूलांक कहा जाता है, जिन व्यक्तियों की जन्म तारीख 1, 10, 19, 28 है उनका मूलांक 1 होगा.
एक मूलांक बहुत महत्वपूर्ण मूलांक माना जाता है इस मूलांक वाला जातक स्वाभिमानी होता है, व ईमानदारी जैसे गुणों से युक्त होता है. एक मूलांक के व्यक्तियों के अंदर केवल अपने मन की सुनने की आदत होती है. इन व्यक्तियों में ईमानदारी का भाव होता है यह अपने कार्यों को पूर्ण निष्ठा के साथ करने में विश्वास रखते हैं. यह लोग किसी के सामने झुकने के लिये राजी नही होते हैं और किसी के अधीन रहना इन्हें पसंद नहीं होता है. यह अपने फैसले अपने आप लेना पसंद करते हैं.
सूर्य से प्रभावित इस मूलांक के लोगों में सभी को अपने अधीन रखने की चाहत होती है. सूर्य प्रधान इस मूलांक के व्यक्ति बहुत तेजस्वी, विद्वान , सदगुणी होते हैं इनके व्यवहार में उदारता और स्वभाव में दयालुता का भाव होता है. इनका मनोबल आत्मबल से परिपूर्ण होता है. इन लोगों में अपने कार्य स्वयं करने की योग्यता का प्रधान्य होता है यह किसी के भरोसे रह कर काम करना पसंद नहीं करते हैं. वह अपने को अल्प समय में ही कुशल प्रशासक बना लेते हैं.
इन व्यक्तियों में अपनी परंपरा के प्रति आदर भाव रहता है. देश भक्ति व निष्ठा का भाव भी इनमें पूर्ण रूप से समाहित रहता है. इनके अंदर कुछ नया करने की चाह हमेशा रहती है. यह लोग अपने लक्ष्य के प्रति सचेत रहते हैं तथा उसे पूर्ण करने के लिए निरंतर अग्रसर रहते हैं. यह अपने कार्य को पूरी निष्ठा एवं लगन के साथ करते हैं.
यह नई विचार धारा और नई सोच के साथ कार्य करते हैं. अपने कार्य में भी यह अपनी इस सूझ-बूझ को दर्शाने का प्रयास करते हैं. इन्हें जो काम दिया जाता है उसमें यह किसी का हस्तक्षेप पसंद नहीं करते और स्वच्छंद रूप से कार्य करने की चाहत रखते हैं. इन्हें काम में किसी कि रोक- टोक पसंद नहीं आती. सुन्दर और सुरुचिपूर्ण जीवन इन्हे पसंद है. यह सौंदर्य प्रेमी और कला के पुजारी होते हैं.
प्रत्येक कार्य में दखल देने की आदत के कारण न चाहते हुए भी यह दूसरों के लिए अच्छे नहीं हो पाते. अपने अहम के कारण इस मूलांक के लोग कभी - कभी अपनी हठ में निरंकुश हो जाना इनके स्वभाव में देखा जा सकता है. जो इस मूलांक के लोगों कि बहुत बड़ी कमज़ोरी होती है.
एक मूलांक वाले व्यक्ति दूसरों पर जल्द ही विश्वास कर लेते हैं. इस कारण इन्हें कभी कभी धोखा भी सहना पड़ता है. धन कमाने मे जितनी मेहनत करते हैं, उतना ही खुले हाथों से लुटाते हैं. इसलिये इनके पास धन नही टिकता है. व्यर्थ के दिखावे से भी बचना चाहिए.
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चंद्रमा मन का स्वामी है इसलिए दो मूलांक वाले व्यक्तियों का मन सर्वाधिक प्रभावशाली होता है. मूलांक दो हृदयता का प्रतीक है यह द्वैतवादी मूलांक है इस मूलांक के लोग अनुवेषक प्रवृत्ति के होते है किंतु अपने विचारों को ज्यादा समय तक क्रियांवित नही कर पाते है. इसके गुण शारीरिक से ज्यादा बौद्धिक रूप मे अधिक परिलक्षित होते है.
2 मूलांक वाले व्यक्ति कल्पना शक्ति कलाप्रिय तथा कलाप्रेमी होते हैं, इनकी शारीरिक शक्ति मध्यम बल से युक्त होती है, परन्तु मानसिक शक्ति उत्तम होती है अत: बौद्धिक कामों में तेज एवं बुद्धिमान होते हैं.
इनकी बुद्धि चातुर्य काफी अच्छा होता है तथा बुद्धि विवेक के कार्यों में दूसरों से बाजी मार ले जाते हैं. एक लोकप्रिय व्यक्ति होते हैं तथा स्वयं की मेहनत से अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा भी प्राप्त कर लेते हैं.
चंद्रमा के प्रभाव स्वरूप इस मूलांक के व्यक्तियों की रूचि सदैव परिष्कृत होती हैं. यह लोग बुराई में भी अच्छाई ढूंढ लेते हैं. मूलांक दो वाले लोग सभ्य, सहृदय, सुशील, मृदुभाषी होते है. इनमें दूसरों के मन की स्थिति जान लेने की क्षमता होती है. दो मूलांक वाले लोग मित्र बनाने मे सक्षम हैं, सौंदर्य प्रेमी भी होते है इनमें सौंदर्य बोध कि अच्छी समझ होती है.
मूलांक दो में स्पष्टता का भाव निहित होता है इनकी निश्छलता व निष्कपटता से सभी प्रभावित होते हैं और इनका सम्मान करते हैं. इन्हें लोगों से प्रेम भी अधिक प्राप्त होता है. यह लोग अकेले रहना पसंद नहीं करते इन्हें किसी न किसी का साथ अवश्य चाहिए होता है.
मूलांक दो में उतावलापन भी बहुत होता है एकाग्रता का अभाव रहता है. अत्यधिक भावुक होते हैं अत: किसी कि भी बातों में जल्द ही आ जाते हैं. इनमें विचारों और योजनाओं के प्रति उद्विग्नता, अस्थिरता, निरंतरता का अभाव होता है. आत्मविश्वास की कमी. ये अत्यधिक संवेदनशील होते है. यदि इन्हें इनके मन मुताबिक माहौल ना मिलें तो ये शीघ्र निराश हो जाते है.
आप स्वभाव से शंकालु भी होते हैं अन्य के दु:ख दर्द से जल्द परेशान हो जाना इनकी कमजोरी है. मूलांक दो वाले मानसिक रूप से तो स्वस्थ हैं लेकिन शारीरिक रुप से आप कमजोर होते हैं यह लोग शारीरिक कार्य के बदले मानसिक कार्य करने में ज्यादा बेहतर होते हैं.
आप स्वभाव से शंकालु भी होते हैं.दूसरों के दु:ख दर्द से आप परेशान हो जाना आपकी कमज़ोरी है.
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मूलांक 3 वाले व्यक्ति सदा स्पष्टवादी स्वभाव के होते हैं, यह अपने कार्यों को लेकर सचेत रहते हैं और किसी भी भ्रांति से स्वयं को दूर रखने का प्रयास करते हैं. मूलांक तीन अपने कार्यों में शिथिलता नहीं आने देता है.
मूलांक तीन वालों में विचारों का स्पष्ट अनुमोदन करने की प्रवृत्ति होती है अपने इस स्पष्ट स्वभाव के कारण लोग इन्हें पसंद करते हैं. अपने नैतिकता से भरपूर विचारों द्वारा यह सभी के हृदय में समा जाते हैं.
गुरु ग्रह के प्रभाव वश इनके विचारों में धार्मिकता का समावेश होता है, इस कारण धर्म-कर्म के क्षेत्र में इनको अच्छी उपलब्धियाँ एवं ख्याति प्राप्त होती है.
अंक ज्योतिष को अंग्रेजी में न्यूमरोलॉजी के नाम से पहचाना जाता है. यदि हम अंक ज्योतिष के इतिहास को जानने का प्रयास करें तो पाएंगे कि इसका इतिहास 10,000 पूर्व से भी पहले का रहा होगा मिस्र, बेबिलोन और ग्रीस में इनकी जडों का पनपना आरंभ हुआ तथा पाइथागोरस जी के कार्यों द्वारा इन्हें प्रमुखता प्राप्त हुई. कोई भी दिन अंकों के बिना नहीं बीतता है. मिस्र के महान गणित शास्त्र पायथागोरस ने अंकों की महत्ता के विषय में इस तथ्य का अनुमोदन किया कि “ Number rules the universe’’ अर्थात अंक ब्रह्मांड पर राज करते हैं.
अंक अर्थात् नंबर (Number) और इस शास्त्र को अंग्रेजी में Numerology कहते हैं. इस शास्त्र के समान ही मिलता जुलता दूसरा आंकड़ा शास्त्र (Statistics) भी है. जिसमें तथ्यों, घटनाओं, गुणधर्मों आदि अंकों की जानकारी एकत्र करके उसका वैज्ञानिक और गणित के रूप में उपयोग किया जाता है. परंतु यह अंकशास्त्र (Statistics) अपने अंकशास्त्र ज्योतिष से बिल्कुल अलग है.
अति प्राचीन समय में अंकशास्त्र या संख्याशास्त्र का ज्ञान हिन्दुओं, ग्रीकों, खाल्डीओं, हिब्रुओं, इजिप्ट वासियों और चीनियों को था. अपने देश के प्रश्न विचार, स्वरोदम शास्त्र आदि प्राचीन ग्रंथों में अंकशास्त्र का अच्छा उपयोग हुआ है. अंकशास्त्र की व्याख्या देना बहुत ही कठिन है. इसके विषय में वोल्टर बी ग्रिब्सन द्वारा दी गई व्याख्या याद रखने जैसी है. ‘गणित शास्त्र के मूलभूत सिद्धांतों का मनुष्य के भौतिक अस्तित्व (या भौतिकी उत्कर्ष) के लिए होने वाला व्यवहारिक उपयोग ही अंकशास्त्र है’.
अंकशास्त्र विद्वानों का मानना है कि अंकशास्त्र का प्रारंभ हिब्रू मूलाक्षरों से हुआ है. अंक ज्योतिष हिब्रू लोगों का विषय रहा है. इसके अनुसार इजिप्ट की जीप्सी जनजाति ने भी इस शास्त्र को विकसित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया.
हिब्रू में ‘बाईस’ मूलाक्षर हैं और प्रत्येक अक्षर को क्रम अनुसार एक से बाईस अंक दिए गए हैं. हिब्रू लोग अक्षरों के स्थान पर अंक और अंकों के स्थान पर अक्षरों का उपयोग करते थे. अक्षरों और अंकों के अधिपतियों के रूप में अलग-अलग राशियों तथा ग्रहों को निश्चित किया गया था. अत: हिब्रू लोगों के समय से ही अक्षरों, अंकों, राशियों और ग्रहों के मध्य संबंध स्थापित हुआ मान सकते हैं और यह संबंध ही अंकशास्त्र के आधार रूप हैं.
अंक शास्त्र में प्रत्येक ग्रह के लिए 1 से लेकर 9 तक एक अंक निर्धारित किया गया है, जो इस बात पर निर्भर करता है कि कौन से ग्रह पर किस अंक का असर होता है और यही नौ ग्रह मनुष्य के जीवन पर अपना प्रभाव डालते हैं. जन्म के समय ग्रहों की जो स्थिति होती है, उसी के अनुसार उस व्यक्ति का व्यक्तित्व निर्धारित हो जाता है. इसलिए, जन्म के पश्चात व्यक्ति पर उसी अंक का सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है, जो कि व्यक्ति का स्वामी होता है. यदि एक व्यक्ति का अंक किसी दूसरे व्यक्ति के अंक के साथ मेल खा रहा हो तो दोनों व्यक्तियों के मध्य एक अच्छा संबंध बनता है.
अंक ज्योतिष शास्त्र में क, ख, ग, घ के अक्षरों और अंकों पर विचार किया जाता है. व्यक्ति के नाम के अक्षर अंग्रेजी में लिखकर प्रत्येक अक्षर की अंक गणना करके नाम का नामांक प्राप्त किया जाता है. तथा जन्म तारीख, माह एवं वर्ष के अंकों का योग करके भाग्यांक प्राप्त किया जाता है तथा इसके द्वारा भविष्यवाणी की जाती है.
प्राचीन और आधुनिक अंक पद्धति | Ancient and Modern Number System of Ank Jyotish
प्राचीन एवं आधुनिक अंक शास्त्रियों द्वारा निम्न अंक पद्धतियां अपनाई गईं हैं. पाश्चात्य देशों मेंक्रोस, गुडमेन, मोन्ट्रोझ, मोरीस, जेम्स ली, हेलन हिचकोक, टेयलर आदि अंक शास्त्रियों ने अलग-अलग पद्धतियाँ अपनाई हैं. डॉक्टर क्रोस, मोन्ट्रोझ, सेफारीअल आदि की पद्धति को हिब्रू या पुरानी पद्धति के रूप में जाना जाता है. क्योंकि उसमें अंग्रेजी मूलाक्षरों को जो नंबर दिए गए हैं वह हिब्रू मूलाक्षरों के क्रम अनुसार है जबकि जेम्स ली, हेलन, हिचकोक, टेयलर, मोरिस सी. गुडमेन आदि पश्चिम के आधुनिक अंक शास्त्रियों ने अंग्रेजी मूलाक्षरों के आधुनिक क्रम अनुसार नंबर दिए हैं और इसलिए इनकी पद्धति को आधुनिक अंकशास्त्र के रूप में पहचानते हैं.ज्योतिष शास्त्र जैसी कठिन गणना करने की आवश्यकता नहीं पड़ती, अंकशास्त्र में जन्म के समय की जानकारी न भी हो तब भी जन्म तारीख व नाम के आधार पर ही व्यक्ति के व्यवसाय, मित्रों, भागीदारों, उसके जीवने के उतार-चढावों तथा उसके जीवन के महत्वपूर्ण समय के लाभ व हानि संबंधी बहुत सी बातें अंकशास्त्र की सहायता द्वारा जानी जा सकती हैं.
अंग्रेजी का ज्ञान तथा गणित के सरल उपयोग द्वारा अंकशास्त्र के ज्योतिष ज्ञान में निपुणता प्राप्त कि जा सकती है. प्राचीन हिब्रू पद्धति के किरो, मोन्ट्रोझ, डॉक्टर क्रोस विद्वानों ने अंकों का ग्रहों के साथ संबंधित स्वीकार्य किया था वह संबंध इस प्रकार हैं.
सूर्य का धनात्मक अंक -1 और सूर्य का ऋणात्मक अंक -4, चंद्रमा का धनात्मक अंक -7 और ऋणात्मक अंक -2 है.
मंगल का अंक -9, बुध का अंक -5, गुरु का अंक -3, शुक्र का अंक -6, शनि का अंक -8, युरेनस का अंक -4, नेपच्यून का अंक -7
आधुनिक अंकशास्त्री टेयलर, जेम्स ली, हेलन हिचकोक, गुडमेन इत्यादि इन संबंध रूप को स्वीकार नहीं करते तथा इसमें कुछ परिवर्तन करते हैं.
सूर्य का अंक -1, चंद्र का अंक -2, गुरु का अंक -3, शनि का अंक -4, बुध का अंक -5, शुक्र का अंक -6, युरेनस का अंक -7, मंगल का अंक -8, नेपच्यून का अंक -9, प्लूटो का अंक -0
कुछ आधुनिक अंकशास्त्री तो अंकों को ग्रहों के साथ संबंधित किए बिना ही उसके गुण- धर्म आदि का वर्णन करते हैं.
हिब्रू या पुरानी पद्धति में मूलाक्षरों को निम्न अंक दिए गए हैं. यह क्रम हिब्रू मूलाक्षर के क्रम अनुसार होने से अंग्रेजी मूलाक्षर के आधुनिक क्रम से सुसंगत नहीं है.
A, B, C, D, E, F, G, H, I, J, K, L, M
1, 2, 3, 4, 5, 8, 3, 5, 1, 1, 2, 3, 4,
N, O, P, Q, R, S, T, U, V, W, X, Y, Z,
5, 7, 8, 1, 2, 3, 4, 6, 6, 6, 5, 1, 7
पुरानी पद्धति में किसी को भी 9 का अंक नहीं दिया है तथा इसमें कोई निश्चित क्रम भी नहीं है लेकिन आधुनिक पद्धति में अक्षरों को 9 अंक दिया गया है जो इस प्रकार हैं.
A, B, C, D, E, F, G, H, I,
1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9,
J, K, L, M, N, O, P, Q, R,
1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9,
S, T, U, V, W, X, Y, Z,
1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8,
अंकशास्त्र की पुरानी पद्धति में 11, 12 और 33 के अंकों को विशिष्ट स्थान नहीं दिया गया. लेकिन आधुनिक पद्धति में 11, 22 और 33 के अंकों को विशिष्ट स्थान प्राप्त है.
0 और 1 से 9 तक के अंकों को मुख्य या मूल अंक कहा जाता है. कुछ अंकशास्त्री 0 को अंक के रूप में स्वीकार नहीं करते फिर भी उसके अंकशास्त्र में महत्व को स्वीकारते हैं. नौ अंकों के अतिरिक्त दस से आगे के अंकों को मिश्रित अंक कहा जाता है. इस प्रकार अंकों के दो प्रकार हैं. प्रथम 1 से 9 तक के मुख्य या मूल अंक और ददूसरा 10 और उसके बाद के तक के मिश्र अंक हैं. कई बार मिश्रांकों मुख्य अंक में बदलने की आवश्यकता पड़ती है जैसे - 22 = 2+2 = 4, फ्लोरन्स केम्पबेल इन अंकों के बारे में कहते हैं कि ‘‘जिन्हें मास्टर नंबर (11 और 22) प्राप्त हैं वह नेतृत्व के गुणों से संपन्न होते है.
मूलांक | Moolank
किसी भी व्यक्ति की जन्मतिथि का योग अर्थात जोड़ मूलांक कहलाता है जैसे 7, 25, 16, तारीखों में जन्मे व्यक्ति का मूलांक 7 होगा.भाग्यांक | Bhagyank
जन्म तिथि, माह और साल का योग भाग्यांक होता है जैसे 02 मार्च 1982 का भाग्यांक 0+2+3+1+9+8+2 =25=7 अत: इस प्रकार भाग्यांक 7 प्राप्त होता है.नामांक | Namank
नामांक के लिए नाम के नम्बर को लिख कर जोड़ें जैसे किसी व्यक्ति का नाम यदि अनिल कुमार ANIL KUMAR हो तो नामांक इस प्रकार ज्ञात करेंगे. A=1, N=5, I=1, L=3, K=2, U=6, M=4, A=1, R=21+5+1+3+2+6+4+1+2= 25 = इस प्रकार इस व्यक्ति का नामांक 7 है.
राशि क्रम संख्या | Numbers Assigned to each Zodiac Sign
मेष 1, वृष 2, मिथुन 3, कर्क 4, सिंह 5, कन्या 6, तुला 7, वृश्चिक 8, धनु 91 से 9 तक के अंक के बाद के अंक ज्योतिष में अंकों की पुनरावृत्ति होती है,
अतः हम 9 के बाद के वाले अंक को इस क्रम में रखते हैं जैसे , मकर 10 = 1+0 = 1, कुंभ 11 = 1+1 = 2, मीन 12 = 1+2 =3
इस प्रकार हम राशि, उनके स्वामी का शुभ सहयोगी अर्थात सहानुभूति अंक प्राप्त कर सकते हैं.
मूलांक क्या है और यह किस प्रकार जाना जा सकता है इसके बारे में कुछ तथ्य प्रस्तुत किए गए हैं. इन महत्वपूर्ण तथ्यों द्वारा मूलांक ज्ञात किया जा सकता है. अपने बारे में जानने का और भविष्य में घटने वाली घटनाओं का अनुमान लगाने का अंक ज्योतिष एक सरल व सुगम माध्यम बनता है.
मूलांक को अंग्रेजी में ‘Life Path Number’ ‘लाइफ पाथ नम्बर’ कहते हैं यह मूलांक आपके विषय में अनेक बातों स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करता है तथा मूलांक द्वारा किसी भी व्यक्ति विशेष के बारे में अनेक मुख्य विषयों का पता लगाया जा सकता है.
मूलांक व्यक्ति कि जन्म की तारीख का योग है अर्थात जिस तारीख या तिथि को आपका जन्म हुआ होगा उस तारीख का जोड़ या योग ही उस व्यक्ति का मूलांक होता है. मूलांक को प्राप्त करके अंक शास्त्र द्वारा मनुष्य के स्वभाव एवं उसकी विशेषताओं का पता लगा सकता है. मूलांक से हम जान सकते हैं कि व्यक्ति जन्म के समय क्या था, किन गुणों से वह युक्त होगा तथा उसके भीतर कौन सी कमियाँ हो सकती हैं.
अंक शास्त्र में मूलांक का महत्वपूर्ण स्थान रहा है. अंक शास्त्र में केवल अंकों के माध्यम से किसी व्यक्ति के जीवन के बारे में सारगर्भित व्याख्यान प्रस्तुत किए जाते हैं. अंक शास्त्र कि मूलांक विधि द्वारा सरलता पूर्वक कई बातों का पता लगाया जा सकता है. ज्योतिष शास्त्र में हमे किसी व्यक्ति के विषय में बताने के लिए उसकी जन्म तिथि तथा जन्म स्थान का सहारा लेना पड़ता है.
लेकिन कई बारे जन्म का समय या स्थान सही ज्ञात नहीं होता या मालूम ही नहीं होता ऐसे में ज्योतिष के माध्यम से जन्म कुंडली बनाना एक बहुत मुश्किल कार्य होता है अत: ऐसे समय में अंक शास्त्र द्वारा मूलांक विधि से उन लोगों के लिए एक सटीक आधार तैयार किया जा सकता है तथा उनके विषय में अनेक बातें भी बताई जा सकती हैं.
मूलांक प्राप्त करने की विधि | How to Calculate the Moolank
मूलांक का अर्थ होता है आपकी जन्म की तारीख, जिस दिन आपका जन्म हुआ है उस दिन क्या तारीख थी. मूलांक 1 से 9 तक माने गए हैं. यदि आपका जन्म 1,2,3,4,5,6,7,8,9 तारीखों में हुआ है चाहे यह किसी भी मास को हो, तो आपका मूलांक वही होगा जो आपका जन्मांक है. तो यही तिथि आपका मूलांक होगी आपका जन्म 2 जनवरी को हुआ है तो आपका मूलांक 2 होगा.लेकिन जिनका जन्म 9 से अधिक संख्या वाली तारीख को हुआ है तो उनके जन्मतिथि को आपस में जोड़कर मूलांक प्राप्त किया जा सकता है, जैसे जिनका जन्म 25 तारीख को हुआ होगा तो उनका मूलांक प्राप्त करने के लिए
2+5 = 7 होगा, या 28 तारीख का जन्म है तो दोनों अंकों को जोड़ कर एकल अंक बना लें.
2+8 = 10 फिर से इस अंक को जोड़ कर एकल अंक बना लें. 1+0 = 1, इस प्रकार मूलांक ‘1’ प्राप्त होता है. मूलांक मनुष्य के स्वभाव, व्यवहार एवं गुण,दोष आदि के बारे जानकारी देता है. जीवन में क्या उपयोगी है और किससे बचना चाहिए यह मूलांक से जाना जाता है.
जाने अपना मूलांक | Know Your Moolank
जिन व्यक्तियों का जन्म 1, 10, 19, 28 तारीख में हुआ है तो उनका मूलांक 1 होता है.जिन व्यक्तियों का जन्म 2, 11, 20, 29 में हुआ है तो उनका मूलांक 2 होगा.
जिन व्यक्तियों का जन्म 3,12,21,30 तारीख वालों का मूलांक 3 होता है.
जिन व्यक्तियों का जन्म 4,13,22,31 तारीख को हुआ हो उनका 4 मूलांक होता है.
जिन व्यक्तियों का जन्म 5,14,23, तिथि का है तो उनका मूलांक 5 मूलांक होगा.
जिन व्यक्तियों का जन्म 6,15,24 तारीख को हुआ है तो उन जातकों का मूलांक 6 होगा.
जिन व्यक्तियों का जन्म 7,16,25 दिनांक में हुआ है तो उनका मूलांक 7 होगा.
जिन व्यक्तियों का जन्म 8,17,26 में हुआ है उन जातकों का मूलांक 8 होता है.
जिन व्यक्तियों का जन्म 9,18,27 तारीख में हुआ हो उन जातकों को मूलांक 9 होगा.
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मूलांक 1 | What is the Impact of Moolank 1 (Janmank 1) on Your Life
ज्योतिष कि विद्याओं में अंक विद्या भी एक महत्वपूर्ण विद्या है. अंक विद्या में ‘1’ मूलांक को सूर्य का मूलांक कहा गया है. एक मूलांक को सौभाग्य मूलांक (Destiny Number/ Lucky Number) कहा जाता है. यह नम्बर परिवर्तनशील है. व्यक्ति के नाम के अक्षरों के कुल योग से बनने वाले मूलांक को सौभाग्य मूलांक कहा जाता है, जिन व्यक्तियों की जन्म तारीख 1, 10, 19, 28 है उनका मूलांक 1 होगा.
एक मूलांक बहुत महत्वपूर्ण मूलांक माना जाता है इस मूलांक वाला जातक स्वाभिमानी होता है, व ईमानदारी जैसे गुणों से युक्त होता है. एक मूलांक के व्यक्तियों के अंदर केवल अपने मन की सुनने की आदत होती है. इन व्यक्तियों में ईमानदारी का भाव होता है यह अपने कार्यों को पूर्ण निष्ठा के साथ करने में विश्वास रखते हैं. यह लोग किसी के सामने झुकने के लिये राजी नही होते हैं और किसी के अधीन रहना इन्हें पसंद नहीं होता है. यह अपने फैसले अपने आप लेना पसंद करते हैं.
सूर्य से प्रभावित इस मूलांक के लोगों में सभी को अपने अधीन रखने की चाहत होती है. सूर्य प्रधान इस मूलांक के व्यक्ति बहुत तेजस्वी, विद्वान , सदगुणी होते हैं इनके व्यवहार में उदारता और स्वभाव में दयालुता का भाव होता है. इनका मनोबल आत्मबल से परिपूर्ण होता है. इन लोगों में अपने कार्य स्वयं करने की योग्यता का प्रधान्य होता है यह किसी के भरोसे रह कर काम करना पसंद नहीं करते हैं. वह अपने को अल्प समय में ही कुशल प्रशासक बना लेते हैं.
एक मूलांक की विशेषताएं | Characteristics of Moolank - 1
मूलांक 1 अद्वितिय भाव से युक्त होता है इसलिये यह श्रेष्ट है .इसका स्वामी ग्रह सूर्य है इस मूलांक वालों की प्रवृत्ति रचनात्मक होती है. यह सदा स्वंतत्र रहना चाहते हैं, इसका अपना व्यक्तित्व होता है ,कभी कभी इनके विचारों मे इतनी दृढ्ता आ जाती है कि वह हठी भी कहे जाते हैं और जो लोग इनके अहम को स्वीकार कर लेते हैं वह इनके मित्र हो जाते हैं व जो अस्वीकार कर देते हैं वह इनके शत्रु बन जाते हैं.इन व्यक्तियों में अपनी परंपरा के प्रति आदर भाव रहता है. देश भक्ति व निष्ठा का भाव भी इनमें पूर्ण रूप से समाहित रहता है. इनके अंदर कुछ नया करने की चाह हमेशा रहती है. यह लोग अपने लक्ष्य के प्रति सचेत रहते हैं तथा उसे पूर्ण करने के लिए निरंतर अग्रसर रहते हैं. यह अपने कार्य को पूरी निष्ठा एवं लगन के साथ करते हैं.
यह नई विचार धारा और नई सोच के साथ कार्य करते हैं. अपने कार्य में भी यह अपनी इस सूझ-बूझ को दर्शाने का प्रयास करते हैं. इन्हें जो काम दिया जाता है उसमें यह किसी का हस्तक्षेप पसंद नहीं करते और स्वच्छंद रूप से कार्य करने की चाहत रखते हैं. इन्हें काम में किसी कि रोक- टोक पसंद नहीं आती. सुन्दर और सुरुचिपूर्ण जीवन इन्हे पसंद है. यह सौंदर्य प्रेमी और कला के पुजारी होते हैं.
मूलांक एक की कमियाँ | Negative Characteristics of Moolank - 1
सूर्य प्रधान जातक मे कुछ कमजोरियां या यह कहें कि बुराइयां भी समाहित रहती हैं. जैसे अभिमान ,लोभ ,अविनय, दिखावा ,जल्दबाजी, अहंकार इत्यादि कुछ दुर्गुण इनके जीवन को प्रभावित करते हैं. अपनी इन कमियों के परिणाम स्वरूप इनका विकास उचित प्रकार से नहीं हो पाता और कई बार इन्हें समस्याओं का सामना करना पड़ जाता है, साथ ही साथ यह अपने दुश्मनों को नही पहचान पाने के कारण उनसे परेशानी भी झेलते हैं.प्रत्येक कार्य में दखल देने की आदत के कारण न चाहते हुए भी यह दूसरों के लिए अच्छे नहीं हो पाते. अपने अहम के कारण इस मूलांक के लोग कभी - कभी अपनी हठ में निरंकुश हो जाना इनके स्वभाव में देखा जा सकता है. जो इस मूलांक के लोगों कि बहुत बड़ी कमज़ोरी होती है.
एक मूलांक वाले व्यक्ति दूसरों पर जल्द ही विश्वास कर लेते हैं. इस कारण इन्हें कभी कभी धोखा भी सहना पड़ता है. धन कमाने मे जितनी मेहनत करते हैं, उतना ही खुले हाथों से लुटाते हैं. इसलिये इनके पास धन नही टिकता है. व्यर्थ के दिखावे से भी बचना चाहिए.
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मूलांक 2 | What is the Impact of Moolank 2 (Janmank 2) on Your Life
अंक शास्त्र में दो मूलांक अपना विशेष स्थान रखता है. मूलांक दो का स्वामी ग्रह चंद्रमा को माना गया है. चंद्रमा शितलता का कारक है यही अंतर्मन की भावनाओं का संचालन भी करता है. हमारे भीतर की शितलता उसी का आधार है. अशुभ चंद्रमा मानसिक तनाव देता है, इसके साथ ही मानसिक बीमारियाँ भी चंद्रमा के कारण होती है. समस्त अच्छे-बुरे विचारों का निर्धारण चंद्रमा के शुभ तत्व पर निर्भर करता है. मूलांक 2 वाले लोग चंद्रा से प्रभावित होते हैं. किसी भी महीने की 2, 11, 20 और 29 को जन्मे व्यक्तियों का मूलांक 2 होता है.चंद्रमा मन का स्वामी है इसलिए दो मूलांक वाले व्यक्तियों का मन सर्वाधिक प्रभावशाली होता है. मूलांक दो हृदयता का प्रतीक है यह द्वैतवादी मूलांक है इस मूलांक के लोग अनुवेषक प्रवृत्ति के होते है किंतु अपने विचारों को ज्यादा समय तक क्रियांवित नही कर पाते है. इसके गुण शारीरिक से ज्यादा बौद्धिक रूप मे अधिक परिलक्षित होते है.
2 मूलांक वाले व्यक्ति कल्पना शक्ति कलाप्रिय तथा कलाप्रेमी होते हैं, इनकी शारीरिक शक्ति मध्यम बल से युक्त होती है, परन्तु मानसिक शक्ति उत्तम होती है अत: बौद्धिक कामों में तेज एवं बुद्धिमान होते हैं.
मूलांक दो वालों का स्वाभाव | Characteristics of People with Moolank 2
दो मूलांक वाले लोग सभ्य, सहृदय, सुशील, मृदुभाषी होते हैं. चन्द्र तत्व की प्रधानता के कारण इसका स्वभाव कल्पनाशीलता से भरा होता है. इनकी मन: स्थिति चंद्रमा से प्रभावित होने के कारण चंद्रमा की भांति ही घटती-बढ़ती रहती है. इनमें स्थायित्व का भाव होता है. मूलांक 2 को चन्द्र ग्रह संचालित करता है. इस कारण इस मूलांक के व्यक्ति अत्यधिक भावुक होते हैं. चन्द्र ग्रह स्त्री ग्रह माना गया है अत: मूलांक 2 वाले अत्यंत कोमल स्वभाव के होते हैं.मूलांक दो की विशेषताएँ | Features of Moolank 2
मूलांक दो में अभिमान नहीं होता, इस मूलांक वाले लोग सहिष्णु, कल्पनाशील, कलात्मक,प्रवृत्ति और रोमांटिक होते है. मूलांक 1के ही भांति ये अनुवेषक प्रवृत्ति के होते हैं किंतु अपने विचारों को 1 मूलांक वालों की तरह क्रियांवित नहीं कर पाते हैं. इसके गुण शारीरिक से ज्यादा बौद्धिक रूप मे अधिक परिलक्षित होते हैं.इनकी बुद्धि चातुर्य काफी अच्छा होता है तथा बुद्धि विवेक के कार्यों में दूसरों से बाजी मार ले जाते हैं. एक लोकप्रिय व्यक्ति होते हैं तथा स्वयं की मेहनत से अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा भी प्राप्त कर लेते हैं.
चंद्रमा के प्रभाव स्वरूप इस मूलांक के व्यक्तियों की रूचि सदैव परिष्कृत होती हैं. यह लोग बुराई में भी अच्छाई ढूंढ लेते हैं. मूलांक दो वाले लोग सभ्य, सहृदय, सुशील, मृदुभाषी होते है. इनमें दूसरों के मन की स्थिति जान लेने की क्षमता होती है. दो मूलांक वाले लोग मित्र बनाने मे सक्षम हैं, सौंदर्य प्रेमी भी होते है इनमें सौंदर्य बोध कि अच्छी समझ होती है.
मूलांक दो में स्पष्टता का भाव निहित होता है इनकी निश्छलता व निष्कपटता से सभी प्रभावित होते हैं और इनका सम्मान करते हैं. इन्हें लोगों से प्रेम भी अधिक प्राप्त होता है. यह लोग अकेले रहना पसंद नहीं करते इन्हें किसी न किसी का साथ अवश्य चाहिए होता है.
मूलांक 2 की कमियाँ | Difficulties of Moolank 2
मूलांक दो वाले लोगों के अंदर एक ही कार्य को लम्बे समय तक चला पाना कठिन होता है यह जो कुछ भी सोचते विचारते हैं उन सभी पर टिके नहीं रह पाते या तो कार्य को अधूरा छोड़ देते हैं या फिर कार्य को लेकर मन विचलित ही रहता है. एक काम मे मन नहीं लगा पाते. अपने आत्मविश्वास कि कमी भी होती है इस कारण हीन भावना के शिकार भी हो जाते हैं.मूलांक दो में उतावलापन भी बहुत होता है एकाग्रता का अभाव रहता है. अत्यधिक भावुक होते हैं अत: किसी कि भी बातों में जल्द ही आ जाते हैं. इनमें विचारों और योजनाओं के प्रति उद्विग्नता, अस्थिरता, निरंतरता का अभाव होता है. आत्मविश्वास की कमी. ये अत्यधिक संवेदनशील होते है. यदि इन्हें इनके मन मुताबिक माहौल ना मिलें तो ये शीघ्र निराश हो जाते है.
आप स्वभाव से शंकालु भी होते हैं अन्य के दु:ख दर्द से जल्द परेशान हो जाना इनकी कमजोरी है. मूलांक दो वाले मानसिक रूप से तो स्वस्थ हैं लेकिन शारीरिक रुप से आप कमजोर होते हैं यह लोग शारीरिक कार्य के बदले मानसिक कार्य करने में ज्यादा बेहतर होते हैं.
आप स्वभाव से शंकालु भी होते हैं.दूसरों के दु:ख दर्द से आप परेशान हो जाना आपकी कमज़ोरी है.
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मूलांक 3 | What is the Impact of Moolank 3 (Janmank 3) on Your Life
मूलांक तीन अंक शास्त्र का एक प्रभावशाली मूलांक है. मूलांक तीन के अधिष्ठाता ग्रह बृहस्पति हैं अत: मूलांक तीन के व्यक्तियों पर गुरू ग्रह का बहुत प्रभाव होता है. पाश्चात्य ज्योतिष अनुसार भी इस मूलांक के जातक गुरु (बृहस्पति) के प्रभाव से युक्त रहते हैं. मूलांक तीन को त्रिभुज का परिचायक माना जाता है, इसे बल, चेतना एवं पदार्थ पर नियंत्रण करने वाला माना गया है. मूलांक 3 मानसिक क्षमता व विवेक का कार्य करने वाला होता है. मूलांक 3 साहस, नेतृत्व के गुणों से युक्त एवं महत्वाकांक्षा से भरपूर होता है. जिनका जन्म किसी भी महीने की 3, 12, 21, या 30 तारीख़ को हुआ हो ,उनका मुलांक 3 होता है.मूलांक 3 की विशेषताएँ | Characteristics of Moolank 3
मूलांक तीन के व्यक्तियों में महत्वाकांक्षी प्रवृत्ति, शासन करने की चाह, अनुशासन की योग्यता जैसे स्वभाविक गुण होते हैं. मूलांक तीन से प्रभावित लोग रक्षा, राजकीय, प्रशासनिक, पदाधिकारी अथवा किसी भी विभाग का अध्यक्ष हो सकते हैं.मूलांक 3 वाले व्यक्ति सदा स्पष्टवादी स्वभाव के होते हैं, यह अपने कार्यों को लेकर सचेत रहते हैं और किसी भी भ्रांति से स्वयं को दूर रखने का प्रयास करते हैं. मूलांक तीन अपने कार्यों में शिथिलता नहीं आने देता है.
मूलांक तीन वालों में विचारों का स्पष्ट अनुमोदन करने की प्रवृत्ति होती है अपने इस स्पष्ट स्वभाव के कारण लोग इन्हें पसंद करते हैं. अपने नैतिकता से भरपूर विचारों द्वारा यह सभी के हृदय में समा जाते हैं.
गुरु ग्रह के प्रभाव वश इनके विचारों में धार्मिकता का समावेश होता है, इस कारण धर्म-कर्म के क्षेत्र में इनको अच्छी उपलब्धियाँ एवं ख्याति प्राप्त होती है.
मूलांक 3 के जातक नई खोजों एवं नई स्थापनाओं की चाह में लगे रहते
हैं. मूलांक तीन अध्यनशील होकर निरंतर मानसिक खोजों में लिप्त रहते हैं इस
कारण विद्या अध्ययन, अध्यापन जैसे बौद्धिक कार्यों मे यह सफलता प्राप्त
करते हैं.
मानसिक रूप से समृद्ध होते हैं, किसी भी विषय को समझने की इनमें क्षमता बहुत अच्छी होती है, तर्क एवं ज्ञान शक्ति द्वारा यह दूसरों को प्रभावित करते हैं.
मूलांक तीन वालों की सामाजिक स्थिति इनकी काफी अच्छी रहती है यह किसी का भी अहित नहीं करते हैं तथा समाज में ये अग्रणी स्थान भी प्राप्त करते हैं. स्वभाव से ये शांत, कोमल हृदय, मृदुवाणी एवं सत्यवक्ता होते हैं.
मूलांक तीन दैवी गुणों से युक्त माना जाता है इसमें आध्यात्मवादीता तथा आकर्षक स्वभाव होता है. यह हर परिस्थितियों में स्वयं को प्रसन्नचित रखने का प्रयास करते हैं. कितनी ही बाधाएँ आ जाएँ ये विचलित नहीं होते और आत्मविश्वास द्वारा धैर्य एवं शांत चित से कार्य को करते रहते हैं.
कोई भी नया कार्य शुरू करने पर उसे पूर्ण होने से पहले ही ये उसे बीच में ही छोड़ देते हैं. इनकी एक बड़ी कमज़ोरी यह है कि ये असफल नहीं होना चाहते अत: सफलता न मिलने पर यह घोर निराशा में चले जाते हैं और इस कारण आपके कार्य प्रभावित होने लगते हैं अत: इन बातों से बचने की आवश्यकता है.
धन का संग्रह इनके लिए कठिन होता है क्योंकि ये लोग खर्च करने पर हजारों रुपये खर्च कर देते हैं इस कारण आवश्यकता पड़ने पर धन की कमी खलती है ओर तकलीफ़ में जीवन व्यतीत करना पड सकता है इसलिए इस बात पर हमेशा ध्यान दें कि ‘तेते पांव पसारिए, जेती लंबी सौरि’, इसके अनुसार कार्य करने पर आप जीवन में सफल और सुखी रहेंगे.
मूलांक तीन वालों में नैतिकता व अनुशासन में रहने की चाह होती है इस कारण यह स्वयं अपने नियम व कानून बनाने लगते है तथा इन कानूनो को पालन कराने के लिये अड़ जाते है. इसी कारण झगड़ालू प्रवृत्ति के नही होते हुये भी लोग इन्हें झगड़ालू एवं दुश्मन समझने लगते हैं.
मूलांक तीन वाले व्यक्ति बहुत स्वाभिमानी होते है और किसी प्रकार का एहसान लेना इन्हें पसंद नही आता यह स्वतंत्र रहना पसंद करते हैं रोक टोक होने पर क्रोधित हो जाते है.
मूलांक तीन वाले शांत स्वभाव होने के बावजूद जल्दबाज़ी में भी खूब रहते हैं और अच्छे स्वभाव के होने के बावजूद कई बार किसी की परवाह किए बगैर खरी बात कह देते हैं. जिससे लोग इनके दुश्मन भी हो सकते हैं.
मूलांक तीन में शासन कि प्रवृत्ति होने के कारण यह तानाशाह हो जाते हैं इस कारण दूसरों के लिए दुश्मन बन जाते हैं अपने सदैव के वर्चस्व हासिल करने की प्रवृत्ति पर नियंत्रण रखें. मूलांक तीन वाले जिद्दी भी होते हैं, इन्हें शत्रु और मित्र की पहचान नहीं होती, इस कारण इनके जीवन में गुप्त शत्रु भी हो सकते हैं.
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मूलांक चार के जातक समाज सुधारक, प्राचीन प्रथा के उन्मूलक तथा आधुनिक प्रथा को अपनाने वाले एवं संस्थापक होते हैं. समाज में व्याप्त रूढ़ियों को दूर करने का प्रयास करते हैं
मूलांक चार पर राहु का प्रभाव पड़ता है इस कारण चार मूलांक के लोग साहस, प्रगति, विध्वंस, विस्फोट, आश्चर्यजनक कार्य, तथा असंभावित कार्य करने वाले होते हैं.
4 मूलांक वाले सामाजिकता व राजनीति क्षेत्र में भी नवीनता लाने में विश्वास रखते हैं. चार मूलांक वाले सहजता पूर्वक या जल्द ही किसी से संबंध स्थापित अथवा मित्रता नहीं कर पाते हैं किंतु जब मित्र बना लेते हैं तो बहुत अच्छे मित्र साबित होते हैं.
इनका व्यक्तित्व रहस्यमय होता है,तथा जीवन में लाभ-हानि, उत्थान-पतन आकस्मिक होता है. इनकी मन:स्थिति का पता लगाना कठिन होता है. अपनी महत्वपूर्ण बातों को गोपनीयता के साथ संभाले रखते हैं. राहु की रहस्यात्मकता इनके चरित्र में परिलक्षित होती है.
मूलांक चार के जीवन में सहसा एवं आश्चर्यजनक प्रगति होती है, जीवन में अनेक असंभावित घटनायें भी घट सकती हैं. मूलांक 4 वाले कभी तो उच्चता के शिखर पर होते हैं और कभी यह न्यूनता को पाते हैं, इनको निरंतर कार्य में लगे रहना पड़ता है और नये-नये परिवर्तन तथा आविष्कारों से यह अपने नाम को रौशन करने का प्रयास करते हैं.
मूलांक चार में नवीनता का समावेश होता है पुरानी प्रथाओं, रीतियों के विरोधी होते हैं तथा उनमें सुधार करने का प्रयास भी करते हैं समाज में परिवर्तन लाने का प्रयास करते हैं. अपने कार्यों द्वारा प्राचीन प्रथाओं को नवीन रूप देने की कोशिश करते हैं.
इनके जीवन का मूल रहस्य यह है कि किसी भी परिस्थितियों की परवाह नहीं करते तथा अनुशासन और दृढ़ संकल्प द्वारा यह विपरीत परिस्थितियों से भी निकल आते हैं.
नाम, यश अधिक प्राप्त करते हैं यदि ये अपनी संघर्ष करने की प्रवृत्ति पर अंकुश रखकर, सहनशील तथा सहिष्णु बन सकें और शत्रुता कम पैदा करें, तो अपने जीवन में अधिक सफलता अर्जित करते हैं.
मूलांक चार के जातकों को अधिक क्रोध भी आता है तथा यह तुनकमिजाज वाले होते हैं. कभी-कभी अत्यधिक श्रम एवं मानसिक थकान के कारण सिरदर्द, गर्मी से उत्पन्न रोग, मानसिक तनाव आदि का सामना करना पड़ता है.
मूलांक 4 वाले अपने स्वभाव तथा विचारधारा में बदलाव लाने का प्रयास करें और प्रतिद्वंन्द्विता तथा संघर्ष करने वाली प्रवृति का त्याग कर दें, तो हर क्षेत्र में सफल हो सकते हैं.
मूलांक चार के जातकों का पारिवारिक और दाम्पत्य जीवन कुछ क्लेशयुक्त भी रहता है. इन्हें पत्नी के स्वास्थ्य की सदैव चिंता बनी रहती है. यदि परिवार के सदस्य उनकी देखभाल करते हैं, तो भी वे अपने को हमेशा अकेला ही समझते हैं इनका अकेलापन दूर नहीं हो पाता है.
मूलांक चार वाले कई बार वे बहुत स्वार्थी भी बन जाते हैं और अपने मन को अकारण दुःख देते हैं, इस कारण हताशा में जीवन व्यतीत करते हैं और अधिक दुःखी रहते हैं.
मूलांक चार वाले बहुत ही संवेदनशील होते है .इनकी भावनाओ को शीघ्र ही ठेस पहुचती है यह अपने आपको ये अकेला महसुस करते है तथा अपने आप को हताश और निराश महसूस करते है
मूलांक चार के लोग अलग ही दृष्टिकोण अपनाते हैं किसी बहस या परिचर्चा मे विरोधी रुख अपनाते है .इस कारण कभी कभी अन्य लोग इन्हें स्वार्थी एवं झगड़ालु समझ सकते है और इनके शत्रु भी बन जाते हैं परन्तु ये ऐसे होते नही है.
दूसरों के परामर्श बिना कुछ भी नही कर सकते है .इस कारण स्वंतत्र निर्णय लेना कठिन होता है. कई बार दूसरों को हानि पहुँचा कर अपना स्वार्थ भी सिद्ध कर लेते है परंतु इन्हें बाद में अपनी गलती का पश्चाताप भी होता है.
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मूलांक पांच शीघ्रता से धन कमा लेने के स्रोत खोजने का प्रयत्न करते हैं. धनोपार्जन के नये रास्ते और तरीके खोजने का प्रयास करते हैं. मूलांक 5 वालों के स्वभाव में चंचलता होती है तथा यह जल्दबाजी से कार्य करते हैं.
इन्हें अधिक धन कमाने की चाह होती है तथा ऐसे कार्य करने मे विश्वास होता है जिससे धन जल्दी प्राप्त हो सके, इन्हें व्यवसाय करना अच्छा लगता है बंधी बंधाई नौकरी ओर आय इन्हें पसंद नहीं होती अत: यह बहु-व्यवसायी होते हैं व एक साथ कई कार्य करने की चाहत रखते हैं.
मूलांक पांच के व्यक्ति में कर्मठता का वास होता है यह अपना काम दूसरों पर नहीं छोड़ते इन्हें नए कार्य करने का एवं सिखने का शौक होता है. किसी भी कार्य को बहुत ही जल्दी सीख लेते है. यह कर्म तो करते है लेकिन भाग्यवादी भी होते है और भाग्य के महत्व को स्वीकार करते हैं.
बुध-ग्रह के प्रभाव स्वरूप इनमें वाक्पटुता एवं तर्कशक्ति अच्छी होती है इससे यह लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर सकते हैं.
ऐसे रोजगार की ओर उन्मुख होते हैं जिसमें कम मेहनत तथा शीघ्र सफलता से अधिक लाभ प्राप्त हो. बुध से प्रभावित जातक कुशल व्यवसायी, बुद्धिमान, विद्वान, सट्टेबाज तथा शीघ्र लाभ होने वाले व्यवसाय की ओर विशेष आकर्षित होते हैं.
मूलांक 5 के व्यक्ति बुध की भाँति चंचल और अस्थिर प्रकृति के होते हैं. हमेशा चिंता करते हुए जीते हैं, क्रोध वाले होते है.
मूलांक पांच वालों को घर से ज्यादा बाहर रहना अधिक पसंद आता है. मूलांक 5 वाले जातक अनेक बार सत्य को जानने के बावजूद भी अपना हठ नहीं छोड़ पाते तथा झूठी कल्पना तथा चिंता करते हुए जीवन में दुखी रहते हैं.
विद्या में इनकी अच्छी रुचि होती है, परन्तु ये पूर्ण विद्या ग्रहण नहीं कर पाते या बीच में ही अध्ययन कार्य छोड़ना पड़ता है.
मूलांक पांच वाले व्यक्तियों का शरीर नाज़ुक होता है अत: अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने की बहुत आवश्यकता होती है.
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मूलांक छ वाले अपने काम के प्रति समर्पित एवं कार्यों को करने मे दृढ़ रहते हैं. मूलांक 6 शुक्र से प्रभावित होने के कारण प्रेम का प्रतीक होता है, इनका प्रेम मातृत्व भाव से युक्त होता है. शुक्र के प्रभाव स्वरूप यह सौन्दर्य प्रेमी, कलात्मक के प्रति आकर्षित एवं संगीत के प्रति रुझान लिए होते हैं. जिन व्यक्तियों का जन्म 6, 15, 24 तारीख को हुआ हो उन जातकों का मूलांक 6 होता है.
मूलांक 6 का स्वामी शुक्र ग्रह हैं इस मूलांक के स्वामी ग्रह के कारण इन जातकों में अपने लिए कई प्रकार कि भावनाओं को देखा जा सकता है इस प्रकार यदि वह अपने लिए कई तथ्यों के विषय में विचार करे तो मूलांक 6 मूलांक वालों के लिये मंगल, बृहस्पति, और शुक्र दिन उचित माने जाते हैं.
मूलांक 6 मे मौलिक प्रेम भावना निहित होती है, जिसे प्यार की संज्ञा दी जा सकती है. इस मूलांक के जातक सभी लोगों से प्रेम करने कि अदभुत क्षमता रखते हैं. इस मूलांक के लोगों में प्रेम एवं रोमांटिक भावना का समावेश होता है यह सौंदर्य व प्रेम से युक्त होते हैं.
मूलांक छ के व्यक्ति में अच्छे मित्र बनाने की इच्छा तथा कलापूर्ण चीजों से प्रेम प्रवृत्ति होती है, यह सुन्दर साज- सामान का शौक रखते हैं और स्वयं भी खूब सजे- धजे रहते है. फुहड़पन और गन्दगी इन्हे पसंद नही होती है तथा लोग स्वतः इनकी ओर आकृष्ट हो जाते है.
मूलांक 6 वाले लोग सभी मूलांक वाले लोगों से मित्रता बनाने मे सक्षम होते हैं इस कारण इनके बहुत से मित्र होते हैं. मुख पे हमेशा मुस्कुराहट लिए होते हैं, इसी के कारण यह दूसरों को अपना बना लेते है.
मूलांक छ वालों का स्वभाव हँसमुख, शौकीन मिज़ाज व कलाप्रेमी होता है. इस मूलांक के व्यक्तियों में खाओ पियो और मस्त रहो वाली बात एकदम सटीक बैठती है.
मूलांक 6 वालों का स्वाभाव बहुत ही चंचल होता है यह लोग एक ही विषय पर अधिक देर तक चिंतन नही कर पाते और इनके मन का रहस्य जानना बहुत ही मुश्किल होता है.
मूलांक छ के व्यक्ति घूमने फिरने मे अधिक रुचि रखते हैं. मूलांक 6 वाले यदि किसी से प्रेम करते हैं तो उसके लिये सबकुछ कुर्बान कर करने को तैयार रहते हैं.
खुले हाथों से खर्च करते हैं और सजना संवरना इनको अच्छा लगता है, आप विलासिता और सुंदरता की सामग्री जुटाते रहते है. आधुनिक कपड़ों एवं बेहतरीन पहनावे का शौक रखते हैं.
मूलांक 6 वाले ज्यादा समय तक अकेले नहीं रह सकते. इन्हें मित्रों की आवश्यकता रहती है यदि इन्हें क्रोध आता है तो ये किसी प्रकार का विरोध सहन नही करते हैं.
मूलांक छ वाले किसी मादक पदार्थ के जल्द शिकार हो सकते हैं यदि नशा करते हैं तो किसी भी नशे से दूर रहें या हो सके तो नशे की आदत को सीमा से में ही रखें
अधिक उतावलेपन, तुनकमिजा़जी, शीघ्र क्रोधित होने से बचें कथन को समझने का प्रयास करें. मानसिक रूप से बहुत संवेदनशील होते है .उत्तेजना इनके स्वभाव मे है .हर बात पर अडिग रहना अच्छा नहीं होता अपनी सोच में लचीलापन रखें कभी कभी किसी और की भी बात मान कर देखें.
शुक्र के प्रभाव के कारण मूलांक 6 वाले भोग – विलासिता के चक्कर मे पड़ सकते हैं इसलिए अपनी इस आदत पर नियंत्रण रखने का प्रयास करें
मूलांक छ वालों में विपरीत लिंगी के प्रति आकर्षण होना सामान्य बात है इसका कारण शुक्र का प्रभाव है किंतु इन्हें अपनी इस आदत पर संयम रखने कि आवश्यकता होनी चाहिए.
मूलांक 6 का स्वभाव जिद्दी होता है,एक बार किसी के प्रति कोई मत बना लेते हैं, तो उस विचार को कभी छोड़ते नहीं हैं. मूलांक छ तर्क-विर्तक करनेवाला होता है. ऐसे व्यक्ति शाररिक परिश्रम के कार्य करने से बचते हैं.
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मूलांक ज्योतिष के आधार पर मूलांक सात के अधिष्ठाता भारतीय मतानुसार केतु एवं पाश्चात्य मतानुसार नेपच्यून ग्रह को माना गया है. इन ग्रहों के प्रभाव से यह प्रभावित होते हैं. मूलांक सात में कल्पना शक्ति अधिक होती है. ललित कलाओं, लेखन, साहित्य आदि में इनकी रूचि अधिक होती है. मूलांक सात के स्वभाव में उतार-चढ़ाव बना रहता है नेपच्यून ग्रह होने से जैसे जल पर चंद्रमा का असर होता है और समुद्र में ज्वारभाटा आते हैं उसी प्रकार इन लोगों के स्वभाव और जीवन में खलबली मची रहती है.
यह मौलिकता से युक्त स्वतंत्र विचारों वाले होते हैं. मूलांक 7 के व्यक्ति सदैव परिवर्तनशील होते हैं तथा काल्पनिक एवं भावुक स्वभाव के होते हैं.
मूलांक सात वाले दिमागी एवं मेधावी होते हैं इनकी स्मरण शक्ति बहुत अच्छी होती है. बाधाओं और कठिनाइयों से ये हताश नहीं होते अपने कर्म क्षेत्र में निरंतरता से आगे बढ़ते रहते हैं यही इनके जीवन का रहस्य है और सफलता का मार्ग भी. मूलांक 7 वाले लोग श्रेष्ठ विचारक धैर्यवान तर्कशक्ति से युक्त होते हैं.
मूलांक सात के जातकों को यात्रा, पर्यटन, सैर-सपाटा करना अच्छा लगता है. मूलांक सात दूसरों के मन की बात समझने में ये निपुण होता है तथा अन्य लोगों को अपनी ओर आकृष्ट करने की विशेष शक्ति भी रखता है. ये लोग अच्छे कानूनविज्ञ या न्यायाधीश, परामर्शदाता हो सकते हैं. इन लोगों की सहनशक्ति अच्छी होती है.
मूलांक सात वाले धार्मिक प्रवृत्ति के होते हैं पर रूढ़ियों एवं पूरानी रीतियों से दूर रहते हैं, धर्म के क्षेत्र में ये परिवर्तनशील विचारधारा रखते हैं, इन्हें धर्म में आडंबर पसंद नहीं है जैसे कबीर और गैलीलियो जैसे महान विचारक थे.
मूलांक 7 के व्यक्तियों का झुकाव रहस्यमय एवं गूढ़ विद्याओं की ओर रहता है यह अतिन्द्रिय संपन्न होते हैं इस कारण जो आम आदमी नहीं जान पाते उन बातों को सात मूलांक वाला सहजता के साथ जान लेता है ऐसे जातक प्राय: अच्छे ज्योतिष भी हो सकते हैं.
इन्हें आर्थिक सफलताएँ अधिक प्राप्त नहीं होती और धन संग्रह करना भी इनके लिए मुश्किल काम है.
मूलांक सात वालों में एक कमी यह होती है, कि यह कोई भी ठोस निर्णय ले पाते
मूलांक सात प्रतिभावान होता है अत: दूसरों कि सलाह से अच्छा अपनी योग्यता को पहचाने. अति भावुक होने से बचें हित-अहित का बोध रखें.
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मूलांक आठ के व्यक्ति शनि के प्रभाव से अपने जीवन में धीरे-धीरे उन्नति प्राप्त करते हैं. व्यवधानों, कठिनाइयों से जूझते हुए सफलता प्राप्त करना इनकी प्रकृति होती है तथा असफलताओं से घबराते नहीं हैं.
मूलांक आठ वाले व्यक्तियों का व्यवहार सहयोग पूर्ण होता है यह मदद करने में तत्पर रहते हैं.मूलांक आठ वालों में मित्रों की सहायता करने की चाह होती है, अपनी यथा शक्ति द्वारा सहयोगियों कि मदद करने का प्रयास करते हैं.
धन के मामलों में इन लोगों को चिंता की ज्यादा आवश्यकता नहीं होती व्यवसाय या नौकरी में इन लोगों को अच्छा धन प्राप्त होता है, यह धन का उचित प्रकार से उपयोग करते है. धन की बर्बादी नहीं करते सोच समझ कर किफायत के साथ काम करते है इस कारण लोग इन्हें कंजूस भी समझ बैठते हैं.
मूलांक आठ वाले दिखावों से दूर रहते हैं यह ओर किसी भी प्रकार का बाहरी आड़ंबर पसंद नहीं करते, इनके व्यवहार से लोग इन्हें कठोर हृदय का समझने लगते हैं परंतु ऐसा नहीं है मन से मूलांक आठ वाले काफी भावुक एवं
दयालु हृदय के होते हैं.
इनका स्वभाव एवं व्यवहार सेवा-भाव वाला होता है किसी भी कार्य में श्रम, त्याग या बलिदान करने से पीछे नहीं हटते और इसी कारण अपनी मंज़िल अवश्य पाते हैं. यह सभी की सहायता करने के लिए सदैव तैयार रहते हैं.
शनि के प्रभाव स्वरूप मूलांक 8 के जातक संघर्षशील एवं परिश्रमी होते हैं तथा समस्याओं एवं विघ्नों को पार करते हुये सफलता को प्राप्त करते हैं इन्हें चाहे सफलता देर से मिले लेकिन वो सफलता स्थायी रूप से प्राप्त होती है.
मूलांक आठ में महत्वाकांक्षा का भाव उच्च होता है यह किसी भी उच्च पद की प्राप्ति इत्यादि के लिए सभी कुछ करने को उद्यत रहते हैं.
मूलांक 8 के व्यक्ति चरमपंथी या अतिवादीता के लक्षण भी दिखाई देते हैं यह जो भी कार्य करते हैं उसे अपनी पूर्ण चेतना शक्ति द्वारा करते हैं. यह जिस भी कार्य को करते हैं उसे पूरी ज़िम्मेदारी के साथ निभाने का प्रयास करते हैं और अपनी जिम्मेदारियों से पिछे नहीं हटते.
मूलांक आठ वाले लोग एकांत प्रिय तथा अंतर्मुखी होते हैं. अन्याय बर्दाश्त नहीं करते तथा इनके अंदर त्याग की भावना अधिक होती है.
मूलांक 8 वाले शंकाकुल या कहें की आशंकित स्वभाव वाले होते हैं. छोटी- छोटी बातों को लेकर निराश हो जाते हैं. अच्छा स्वभाव होने के बावजूद इनमें चालाकी का भाव भी होता है.
मूलांक 8 के व्यक्ति को समझना मुश्किल होता है इनके व्यक्तित्व में गहराई का समावेश होता है. अत:कई बार लोग इन्हें समझने में गलती भी कर जाते हैं.
मूलांक आठ वाले व्यक्ति जब किसी पर क्रोधित हो जाते हैं, तो उन्हें कुछ नहीं सूझता और बदला लेने के लिए के लिए उतावले हो जाते हैं.
मूलांक 8 वालों को चाहिए की एकांत से बचे, क्योंकि एकांत प्रिय होने से इनका मन दुखी और भारी हो सकता है, और निराश के भाव में जा कर यह कुछ गलत कर सकते हैं.
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मूलांक नौ किसी भी अवस्था में हो परंतु यह अपना महत्व नहीं छोड़ता तथा इसका महत्व हर प्रकार से परिलक्षित होता है. मूलांक 9 वालों के लिए 21 मार्च से 26 अप्रैल के मध्य का समय अच्छा माना जाता है तथा यह समय मंगल की कृपा का समय माना गया है और 21 अक्टूबर से 27 नवंबर का समय मंगल की क्रूर दृष्टि का काल माना गया है.
इनके स्वभाव में तेजी तथा फुर्ती को देखा जा सकता है मूलांक 9 जल्दबाजी से कार्य कर करते हैं. इनकी हमेशा यही कोशिश रहती है कि यह जो भी कार्य हाथ में लें वह शीघ्रता पूर्वक समाप्त हो जाये. मूलांक नौ वाले लोग अनुशासन प्रिय होते हैं तथा दूसरों से भी अनुशासन रखने की इच्छा करते हैं.
मूलांक 9 के व्यक्ति अपनी इच्छा शक्ति और साहस द्वारा अनेक उपलब्धियाँ प्राप्त करते हैं. इस मूलांक के व्यक्ति अपने कार्यों द्वारा सभी को आश्चर्य चकित कर देने की इच्छा रखते हैं. मूलांक नौ वाले जातक किसी भी काम को पूरे जोश के साथ करते हैं और जो भी काम को करते हैं उसमें प्रतिष्ठा प्राप्त करने की चाहत भी रखते हैं.
मूलांक 9 वाले व्यक्तियों में चुनौतियों से लड़ने का अदभुत ज़ज़्बा होता है और अपने इस व्यवहार के कारण इनका जीवन दुर्घटनाओं से भी घिरा रहता है.
मूलांक 9 वालों को अपने किसी भी कार्य मे दूसरों का हस्तक्षेप पसंद नही आता. यह लोग अपने कार्यों को अपने अनुसार करने की चाह रखते हैं और उस पर पूर्ण नियंत्रण चाहते हैं. मूलांक नौ वालों में गजब की संगठन शक्ति होती है. आप किसी के अधीन काम करना पसंद नही करते.
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मानसिक रूप से समृद्ध होते हैं, किसी भी विषय को समझने की इनमें क्षमता बहुत अच्छी होती है, तर्क एवं ज्ञान शक्ति द्वारा यह दूसरों को प्रभावित करते हैं.
मूलांक तीन वालों की सामाजिक स्थिति इनकी काफी अच्छी रहती है यह किसी का भी अहित नहीं करते हैं तथा समाज में ये अग्रणी स्थान भी प्राप्त करते हैं. स्वभाव से ये शांत, कोमल हृदय, मृदुवाणी एवं सत्यवक्ता होते हैं.
मूलांक तीन दैवी गुणों से युक्त माना जाता है इसमें आध्यात्मवादीता तथा आकर्षक स्वभाव होता है. यह हर परिस्थितियों में स्वयं को प्रसन्नचित रखने का प्रयास करते हैं. कितनी ही बाधाएँ आ जाएँ ये विचलित नहीं होते और आत्मविश्वास द्वारा धैर्य एवं शांत चित से कार्य को करते रहते हैं.
मूलांक तीन की कमियाँ | Demerits of Moolank 3
तीन का स्वामी गुरु है इस कारण इस मूलांक में अनुशासन के प्रति काफी कठोरता का भाव रहता है और यह शासक जैसे व्यवहार करता है काम में ढील बर्दाश्त नहीं करते अत: अपने इस स्वभाव के कारण इसके अधीन कार्यरत कर्मचारी इनके विरोधी भी बन सकते हैं.कोई भी नया कार्य शुरू करने पर उसे पूर्ण होने से पहले ही ये उसे बीच में ही छोड़ देते हैं. इनकी एक बड़ी कमज़ोरी यह है कि ये असफल नहीं होना चाहते अत: सफलता न मिलने पर यह घोर निराशा में चले जाते हैं और इस कारण आपके कार्य प्रभावित होने लगते हैं अत: इन बातों से बचने की आवश्यकता है.
धन का संग्रह इनके लिए कठिन होता है क्योंकि ये लोग खर्च करने पर हजारों रुपये खर्च कर देते हैं इस कारण आवश्यकता पड़ने पर धन की कमी खलती है ओर तकलीफ़ में जीवन व्यतीत करना पड सकता है इसलिए इस बात पर हमेशा ध्यान दें कि ‘तेते पांव पसारिए, जेती लंबी सौरि’, इसके अनुसार कार्य करने पर आप जीवन में सफल और सुखी रहेंगे.
मूलांक तीन वालों में नैतिकता व अनुशासन में रहने की चाह होती है इस कारण यह स्वयं अपने नियम व कानून बनाने लगते है तथा इन कानूनो को पालन कराने के लिये अड़ जाते है. इसी कारण झगड़ालू प्रवृत्ति के नही होते हुये भी लोग इन्हें झगड़ालू एवं दुश्मन समझने लगते हैं.
मूलांक तीन वाले व्यक्ति बहुत स्वाभिमानी होते है और किसी प्रकार का एहसान लेना इन्हें पसंद नही आता यह स्वतंत्र रहना पसंद करते हैं रोक टोक होने पर क्रोधित हो जाते है.
मूलांक तीन वाले शांत स्वभाव होने के बावजूद जल्दबाज़ी में भी खूब रहते हैं और अच्छे स्वभाव के होने के बावजूद कई बार किसी की परवाह किए बगैर खरी बात कह देते हैं. जिससे लोग इनके दुश्मन भी हो सकते हैं.
मूलांक तीन में शासन कि प्रवृत्ति होने के कारण यह तानाशाह हो जाते हैं इस कारण दूसरों के लिए दुश्मन बन जाते हैं अपने सदैव के वर्चस्व हासिल करने की प्रवृत्ति पर नियंत्रण रखें. मूलांक तीन वाले जिद्दी भी होते हैं, इन्हें शत्रु और मित्र की पहचान नहीं होती, इस कारण इनके जीवन में गुप्त शत्रु भी हो सकते हैं.
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मूलांक 4 | What is the Impact of Moolank 4 (Janmank 4) on Your Life
मूलांक चार मूलांक ज्योतिष के प्रमुख अंकों में से एक है. मूलांक 4 को सूर्य के धनात्मक रूप अथवा राहु का परिचायक माना जाता है. भारतीय अंकशास्त्र में 4 मूलांक का अधिष्ठाता ग्रह राहु है और पाश्चात्य मतानुसार मूलांक 4 के प्रतिनिध ग्रह ''हर्षल'' अर्थात यूरेनस को माना जाता है. मूलांक 4 का संबंध सूर्य तथा मूलांक 1 से माना जाता है. मूलांक चार के जातकों के जीवन में उतार-चढ़ाव बने रहते हैं और जीवन की यह परिस्थितियां अचानक ही आती हैं जिनकी इन्हें कल्पना भी नहीं होती. 4, 13, 22, 31 तारीख को जन्में व्यक्तियों का मूलांक 4 होता है.मूलांक 4 की विशेषताएं | Characteristics of Moolank-4
मूलांक चार के व्यक्ति संघर्षशील होते हैं. मूलांक 4 अपना एक अलग विचार प्रस्तुत करता है, इनकी विचारधारा आम लोगों से प्रायः अलग होती है, इस कारण इस जातक के कई मित्र, विरोधी या शत्रु हो जाते हैं. इनके व्यवहार में विरोध की प्रमुखता होती है जो जीवन के प्रत्येक मोड़ पर दिखाई देती है. इस कारण लोग इन्हें लड़ाकू व झगडा़लू भी समझ बैठते हैंमूलांक चार के जातक समाज सुधारक, प्राचीन प्रथा के उन्मूलक तथा आधुनिक प्रथा को अपनाने वाले एवं संस्थापक होते हैं. समाज में व्याप्त रूढ़ियों को दूर करने का प्रयास करते हैं
मूलांक चार पर राहु का प्रभाव पड़ता है इस कारण चार मूलांक के लोग साहस, प्रगति, विध्वंस, विस्फोट, आश्चर्यजनक कार्य, तथा असंभावित कार्य करने वाले होते हैं.
4 मूलांक वाले सामाजिकता व राजनीति क्षेत्र में भी नवीनता लाने में विश्वास रखते हैं. चार मूलांक वाले सहजता पूर्वक या जल्द ही किसी से संबंध स्थापित अथवा मित्रता नहीं कर पाते हैं किंतु जब मित्र बना लेते हैं तो बहुत अच्छे मित्र साबित होते हैं.
इनका व्यक्तित्व रहस्यमय होता है,तथा जीवन में लाभ-हानि, उत्थान-पतन आकस्मिक होता है. इनकी मन:स्थिति का पता लगाना कठिन होता है. अपनी महत्वपूर्ण बातों को गोपनीयता के साथ संभाले रखते हैं. राहु की रहस्यात्मकता इनके चरित्र में परिलक्षित होती है.
मूलांक चार के जीवन में सहसा एवं आश्चर्यजनक प्रगति होती है, जीवन में अनेक असंभावित घटनायें भी घट सकती हैं. मूलांक 4 वाले कभी तो उच्चता के शिखर पर होते हैं और कभी यह न्यूनता को पाते हैं, इनको निरंतर कार्य में लगे रहना पड़ता है और नये-नये परिवर्तन तथा आविष्कारों से यह अपने नाम को रौशन करने का प्रयास करते हैं.
मूलांक चार में नवीनता का समावेश होता है पुरानी प्रथाओं, रीतियों के विरोधी होते हैं तथा उनमें सुधार करने का प्रयास भी करते हैं समाज में परिवर्तन लाने का प्रयास करते हैं. अपने कार्यों द्वारा प्राचीन प्रथाओं को नवीन रूप देने की कोशिश करते हैं.
इनके जीवन का मूल रहस्य यह है कि किसी भी परिस्थितियों की परवाह नहीं करते तथा अनुशासन और दृढ़ संकल्प द्वारा यह विपरीत परिस्थितियों से भी निकल आते हैं.
मूलांक 4 की कमियां | Demerits of Moolank-4
अपने जीवन में ये धन संग्रह अधिक नहीं कर पाते हैं, व्यय अधिक करते हैं इन जातकों को ढेर सारा रुपया मिले तो उसे अधिक सोचे समझे बगैर खर्च कर डालते हैं. अत: इन्हें अपव्यय करने पर नियंत्रण तथा धन संचय करना चाहिए.नाम, यश अधिक प्राप्त करते हैं यदि ये अपनी संघर्ष करने की प्रवृत्ति पर अंकुश रखकर, सहनशील तथा सहिष्णु बन सकें और शत्रुता कम पैदा करें, तो अपने जीवन में अधिक सफलता अर्जित करते हैं.
मूलांक चार के जातकों को अधिक क्रोध भी आता है तथा यह तुनकमिजाज वाले होते हैं. कभी-कभी अत्यधिक श्रम एवं मानसिक थकान के कारण सिरदर्द, गर्मी से उत्पन्न रोग, मानसिक तनाव आदि का सामना करना पड़ता है.
मूलांक 4 वाले अपने स्वभाव तथा विचारधारा में बदलाव लाने का प्रयास करें और प्रतिद्वंन्द्विता तथा संघर्ष करने वाली प्रवृति का त्याग कर दें, तो हर क्षेत्र में सफल हो सकते हैं.
मूलांक चार के जातकों का पारिवारिक और दाम्पत्य जीवन कुछ क्लेशयुक्त भी रहता है. इन्हें पत्नी के स्वास्थ्य की सदैव चिंता बनी रहती है. यदि परिवार के सदस्य उनकी देखभाल करते हैं, तो भी वे अपने को हमेशा अकेला ही समझते हैं इनका अकेलापन दूर नहीं हो पाता है.
मूलांक चार वाले कई बार वे बहुत स्वार्थी भी बन जाते हैं और अपने मन को अकारण दुःख देते हैं, इस कारण हताशा में जीवन व्यतीत करते हैं और अधिक दुःखी रहते हैं.
मूलांक चार वाले बहुत ही संवेदनशील होते है .इनकी भावनाओ को शीघ्र ही ठेस पहुचती है यह अपने आपको ये अकेला महसुस करते है तथा अपने आप को हताश और निराश महसूस करते है
मूलांक चार के लोग अलग ही दृष्टिकोण अपनाते हैं किसी बहस या परिचर्चा मे विरोधी रुख अपनाते है .इस कारण कभी कभी अन्य लोग इन्हें स्वार्थी एवं झगड़ालु समझ सकते है और इनके शत्रु भी बन जाते हैं परन्तु ये ऐसे होते नही है.
दूसरों के परामर्श बिना कुछ भी नही कर सकते है .इस कारण स्वंतत्र निर्णय लेना कठिन होता है. कई बार दूसरों को हानि पहुँचा कर अपना स्वार्थ भी सिद्ध कर लेते है परंतु इन्हें बाद में अपनी गलती का पश्चाताप भी होता है.
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मूलांक 5 | What is the Impact of Moolank 5 (Janmank 5) on Your Life
जिन व्यक्ति का जन्म किसी भी महीने की 5,14,व 23 तारीख को हुआ हो उनका मूलांक 5 होता है. मूलांक 5 का मुख्य ग्रह बुध है, जो बुद्धि का प्रतीक है. इस मूलांक के व्यक्ति बहुत सचेत एवं विनोद प्रिय, झगडों से दूर रहने वाले तथा ज्ञान से पूर्ण होते हैं. मूलांक 5 के लोगों में कुछ लोग हठी स्वभाव के भी होते हैं, यह जन्म-जात भाग्यशाली होते हैं. इस मूलांक वाले व्यक्ति विलक्षण प्रतिभा और सुझबुझ वाले होते है .विचारवान ,बुद्धिमान ,विनोदप्रिय ,और भौतिक सुखों का ग्रह करने वाले होते हैं. बुध के प्रभाव के कारण इनमें तर्कशास्त्र के गुण विराजमान होते हैं यह एक सफल व्यापारी हो सकते हैं.मूलांक पांच के स्वाभाव और गुण | Nature and Characteristics of Moolank-5
इस मूलांक वाले व्यक्तियों का बौद्धिकता के प्रति झुकाव होता है .विचारों और निर्णय लेने मे ये व्यक्ति निपुण होते है .ऐसे व्यक्ति परिश्रम करने से करने से बचते है .मूलांक पांच शीघ्रता से धन कमा लेने के स्रोत खोजने का प्रयत्न करते हैं. धनोपार्जन के नये रास्ते और तरीके खोजने का प्रयास करते हैं. मूलांक 5 वालों के स्वभाव में चंचलता होती है तथा यह जल्दबाजी से कार्य करते हैं.
मूलांक 5 की विशेषताएं | Characteristics of Mool
मूलांक पांच वालों के विचारों में तेजी देखी जा सकती है. इनके विचार बहुत ही द्रुतगामी होते है .निर्णय तुरंत लेते है तथा कार्य को बड़ी तेजी के साथ पूर्ण करते है .इन्हें अधिक धन कमाने की चाह होती है तथा ऐसे कार्य करने मे विश्वास होता है जिससे धन जल्दी प्राप्त हो सके, इन्हें व्यवसाय करना अच्छा लगता है बंधी बंधाई नौकरी ओर आय इन्हें पसंद नहीं होती अत: यह बहु-व्यवसायी होते हैं व एक साथ कई कार्य करने की चाहत रखते हैं.
मूलांक पांच के व्यक्ति में कर्मठता का वास होता है यह अपना काम दूसरों पर नहीं छोड़ते इन्हें नए कार्य करने का एवं सिखने का शौक होता है. किसी भी कार्य को बहुत ही जल्दी सीख लेते है. यह कर्म तो करते है लेकिन भाग्यवादी भी होते है और भाग्य के महत्व को स्वीकार करते हैं.
बुध-ग्रह के प्रभाव स्वरूप इनमें वाक्पटुता एवं तर्कशक्ति अच्छी होती है इससे यह लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर सकते हैं.
ऐसे रोजगार की ओर उन्मुख होते हैं जिसमें कम मेहनत तथा शीघ्र सफलता से अधिक लाभ प्राप्त हो. बुध से प्रभावित जातक कुशल व्यवसायी, बुद्धिमान, विद्वान, सट्टेबाज तथा शीघ्र लाभ होने वाले व्यवसाय की ओर विशेष आकर्षित होते हैं.
मूलांक 5 की कमियां | Weakness and Drawbacks of Moolank-5
आवश्यकता से अधिक कार्य करने से इन्हें बचने का प्रयास करना चाहिए, अधिक मानसिक एवं शारीरिक श्रम करने से स्नायु दुर्बलता से पीड़ित हो सकते हैं व मूर्छा आदि रोग होने की आशंका उत्पन्न हो सकती है तथा व्यक्ति को चिड़चिडा़पन और गुस्सा अधिक आता है. बुध ग्रह स्नायु मंडल का अधिष्ठाता है और इससे प्रभावित व्यक्ति अपनी स्नायविक क्रियाओं का अधिक व्यय कर लेते हैं.मूलांक 5 के व्यक्ति बुध की भाँति चंचल और अस्थिर प्रकृति के होते हैं. हमेशा चिंता करते हुए जीते हैं, क्रोध वाले होते है.
मूलांक पांच वालों को घर से ज्यादा बाहर रहना अधिक पसंद आता है. मूलांक 5 वाले जातक अनेक बार सत्य को जानने के बावजूद भी अपना हठ नहीं छोड़ पाते तथा झूठी कल्पना तथा चिंता करते हुए जीवन में दुखी रहते हैं.
विद्या में इनकी अच्छी रुचि होती है, परन्तु ये पूर्ण विद्या ग्रहण नहीं कर पाते या बीच में ही अध्ययन कार्य छोड़ना पड़ता है.
मूलांक पांच वाले व्यक्तियों का शरीर नाज़ुक होता है अत: अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने की बहुत आवश्यकता होती है.
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मूलांक 6 | What is the Impact of Moolank 6 (Janmank 6) on Your Life
मूलांक छ वाले अपने काम के प्रति समर्पित एवं कार्यों को करने मे दृढ़ रहते हैं. मूलांक 6 शुक्र से प्रभावित होने के कारण प्रेम का प्रतीक होता है, इनका प्रेम मातृत्व भाव से युक्त होता है. शुक्र के प्रभाव स्वरूप यह सौन्दर्य प्रेमी, कलात्मक के प्रति आकर्षित एवं संगीत के प्रति रुझान लिए होते हैं. जिन व्यक्तियों का जन्म 6, 15, 24 तारीख को हुआ हो उन जातकों का मूलांक 6 होता है.
मूलांक 6 का स्वामी शुक्र ग्रह हैं इस मूलांक के स्वामी ग्रह के कारण इन जातकों में अपने लिए कई प्रकार कि भावनाओं को देखा जा सकता है इस प्रकार यदि वह अपने लिए कई तथ्यों के विषय में विचार करे तो मूलांक 6 मूलांक वालों के लिये मंगल, बृहस्पति, और शुक्र दिन उचित माने जाते हैं.
मूलाँक 6 का स्वभाव | Nature of Moolank 6
शुक्र ग्रह मे चुम्बकीय गुण मौजूद होते हैं इस कारण इस मूलांक 6 के जातकों में दूसरे व्यक्तियों को अपनी ओर आकृष्ट करने की बेहतरीन क्षमता होती है. शुक्र को कामदेव का प्रतीक माना गया है अत: इस छह मूलांक के व्यक्ति में दूसरों को आकर्षित करने तथा रति क्रियाओं मे चतुरता का भाव समाहीत होता है.मूलांक 6 मे मौलिक प्रेम भावना निहित होती है, जिसे प्यार की संज्ञा दी जा सकती है. इस मूलांक के जातक सभी लोगों से प्रेम करने कि अदभुत क्षमता रखते हैं. इस मूलांक के लोगों में प्रेम एवं रोमांटिक भावना का समावेश होता है यह सौंदर्य व प्रेम से युक्त होते हैं.
मूलांक छ के व्यक्ति में अच्छे मित्र बनाने की इच्छा तथा कलापूर्ण चीजों से प्रेम प्रवृत्ति होती है, यह सुन्दर साज- सामान का शौक रखते हैं और स्वयं भी खूब सजे- धजे रहते है. फुहड़पन और गन्दगी इन्हे पसंद नही होती है तथा लोग स्वतः इनकी ओर आकृष्ट हो जाते है.
मूलांक 6 की विशेषताएँ | Characteristics of Moolank 6
मूलांक 6 में विलक्षणप्रतिभा और सुझबुझ का समावेश होता है. यह विचारवान ,सौम्य ,विनोदप्रिय तथा भौतिक सुखों का प्रतीक है. इस मूलांक वाले व्यक्ति तर्कशास्त्र ,ज्योतिष, सफल व्यापारी होते हैं. इस मूलांक वाले व्यक्ति अपने ही ढंग से काम करने की चाह रखते हैं.मूलांक 6 वाले लोग सभी मूलांक वाले लोगों से मित्रता बनाने मे सक्षम होते हैं इस कारण इनके बहुत से मित्र होते हैं. मुख पे हमेशा मुस्कुराहट लिए होते हैं, इसी के कारण यह दूसरों को अपना बना लेते है.
मूलांक छ वालों का स्वभाव हँसमुख, शौकीन मिज़ाज व कलाप्रेमी होता है. इस मूलांक के व्यक्तियों में खाओ पियो और मस्त रहो वाली बात एकदम सटीक बैठती है.
मूलांक 6 वालों का स्वाभाव बहुत ही चंचल होता है यह लोग एक ही विषय पर अधिक देर तक चिंतन नही कर पाते और इनके मन का रहस्य जानना बहुत ही मुश्किल होता है.
मूलांक छ के व्यक्ति घूमने फिरने मे अधिक रुचि रखते हैं. मूलांक 6 वाले यदि किसी से प्रेम करते हैं तो उसके लिये सबकुछ कुर्बान कर करने को तैयार रहते हैं.
खुले हाथों से खर्च करते हैं और सजना संवरना इनको अच्छा लगता है, आप विलासिता और सुंदरता की सामग्री जुटाते रहते है. आधुनिक कपड़ों एवं बेहतरीन पहनावे का शौक रखते हैं.
मूलांक 6 की कमियाँ | Demerits of Moolank 6
मूलांक छ वालों को अपने भीतर से हठ का त्याग करना चाहिए शांत मन से विचार द्वारा यदि विचार करेंगे तो अपने अहम के भाव को नियंत्रण में कर सकते हैं.मूलांक 6 वाले ज्यादा समय तक अकेले नहीं रह सकते. इन्हें मित्रों की आवश्यकता रहती है यदि इन्हें क्रोध आता है तो ये किसी प्रकार का विरोध सहन नही करते हैं.
मूलांक छ वाले किसी मादक पदार्थ के जल्द शिकार हो सकते हैं यदि नशा करते हैं तो किसी भी नशे से दूर रहें या हो सके तो नशे की आदत को सीमा से में ही रखें
अधिक उतावलेपन, तुनकमिजा़जी, शीघ्र क्रोधित होने से बचें कथन को समझने का प्रयास करें. मानसिक रूप से बहुत संवेदनशील होते है .उत्तेजना इनके स्वभाव मे है .हर बात पर अडिग रहना अच्छा नहीं होता अपनी सोच में लचीलापन रखें कभी कभी किसी और की भी बात मान कर देखें.
शुक्र के प्रभाव के कारण मूलांक 6 वाले भोग – विलासिता के चक्कर मे पड़ सकते हैं इसलिए अपनी इस आदत पर नियंत्रण रखने का प्रयास करें
मूलांक छ वालों में विपरीत लिंगी के प्रति आकर्षण होना सामान्य बात है इसका कारण शुक्र का प्रभाव है किंतु इन्हें अपनी इस आदत पर संयम रखने कि आवश्यकता होनी चाहिए.
मूलांक 6 का स्वभाव जिद्दी होता है,एक बार किसी के प्रति कोई मत बना लेते हैं, तो उस विचार को कभी छोड़ते नहीं हैं. मूलांक छ तर्क-विर्तक करनेवाला होता है. ऐसे व्यक्ति शाररिक परिश्रम के कार्य करने से बचते हैं.
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मूलांक 7 | What is the Impact of Moolank 7 (Janmank 7) on Your Life
मूलांक सात का स्वामी ग्रह केतु है. और इस कारण मूलांक 7 के जातक केतु ग्रह से प्रभावित रहते हैं. किसी भी माह की 7, 16, 25 तारीख को जन्मे व्यक्तियों का मूलांक 7 होता है. पाश्चात्य विद्वान मूलांक 7 का स्वामी नेपच्यून ग्रह को मानते हैं. नेप्च्यून का स्वभाव ''वरुण'' के समान माना गया है अत: यह जातक जल की भांति सभी स्थिति से समझौता करने वाले होते हैं यह शांत स्वभाव के होते हैं. केतु के प्रभाव के कारण इनके स्वभाव में रहस्यात्मकता का भाव भी निहित होता है.मूलांक ज्योतिष के आधार पर मूलांक सात के अधिष्ठाता भारतीय मतानुसार केतु एवं पाश्चात्य मतानुसार नेपच्यून ग्रह को माना गया है. इन ग्रहों के प्रभाव से यह प्रभावित होते हैं. मूलांक सात में कल्पना शक्ति अधिक होती है. ललित कलाओं, लेखन, साहित्य आदि में इनकी रूचि अधिक होती है. मूलांक सात के स्वभाव में उतार-चढ़ाव बना रहता है नेपच्यून ग्रह होने से जैसे जल पर चंद्रमा का असर होता है और समुद्र में ज्वारभाटा आते हैं उसी प्रकार इन लोगों के स्वभाव और जीवन में खलबली मची रहती है.
मूलांक 7 का स्वभाव | Nature of Moolank 7
मूलांक सात के स्वभाव में सौहार्द्र, सहयोग एवं सहिष्णु गुण समाहित होते हैं. मूलांक सात पूर्णता का परिचायक है यह समय, स्थान व दूरी का प्रतीक है. वृद्धावस्था, मृत्यु, स्थिरता, अमरत्व का भी प्रतिनिधित्व करता है, यह सात युगों, सात रंगों, सप्ताह के सात दिनों, सात प्रतिज्ञाओं का संकेत है, मनुष्य के विकास चक्र, बुद्धि का द्योतक है.यह मौलिकता से युक्त स्वतंत्र विचारों वाले होते हैं. मूलांक 7 के व्यक्ति सदैव परिवर्तनशील होते हैं तथा काल्पनिक एवं भावुक स्वभाव के होते हैं.
मूलांक 7 की विशेषताएं | Characteristics of Moolank 7
मूलांक सात वाले अपनी विशिष्ट अभिव्यक्ति एवं अभिरूचि के लिए जाने जाते हैं. यह दुनिया को अपने नज़रिये से देखते हैं ऐसे लोग कवि, लेखक या कला प्रेमी होते हैं तथा इन्हे इस क्षेत्र में सफलता भी मिलती है.मूलांक सात वाले दिमागी एवं मेधावी होते हैं इनकी स्मरण शक्ति बहुत अच्छी होती है. बाधाओं और कठिनाइयों से ये हताश नहीं होते अपने कर्म क्षेत्र में निरंतरता से आगे बढ़ते रहते हैं यही इनके जीवन का रहस्य है और सफलता का मार्ग भी. मूलांक 7 वाले लोग श्रेष्ठ विचारक धैर्यवान तर्कशक्ति से युक्त होते हैं.
मूलांक सात के जातकों को यात्रा, पर्यटन, सैर-सपाटा करना अच्छा लगता है. मूलांक सात दूसरों के मन की बात समझने में ये निपुण होता है तथा अन्य लोगों को अपनी ओर आकृष्ट करने की विशेष शक्ति भी रखता है. ये लोग अच्छे कानूनविज्ञ या न्यायाधीश, परामर्शदाता हो सकते हैं. इन लोगों की सहनशक्ति अच्छी होती है.
मूलांक सात वाले धार्मिक प्रवृत्ति के होते हैं पर रूढ़ियों एवं पूरानी रीतियों से दूर रहते हैं, धर्म के क्षेत्र में ये परिवर्तनशील विचारधारा रखते हैं, इन्हें धर्म में आडंबर पसंद नहीं है जैसे कबीर और गैलीलियो जैसे महान विचारक थे.
मूलांक 7 के व्यक्तियों का झुकाव रहस्यमय एवं गूढ़ विद्याओं की ओर रहता है यह अतिन्द्रिय संपन्न होते हैं इस कारण जो आम आदमी नहीं जान पाते उन बातों को सात मूलांक वाला सहजता के साथ जान लेता है ऐसे जातक प्राय: अच्छे ज्योतिष भी हो सकते हैं.
सावधानियाँ | Demerits of Moolank 7
शीघ्र ही क्रोधित हो जाते हैं तथा शारीरिक शक्ति की अपेक्षा मानसिक रूप से अधिक सबल होते हैं. मूलांक सात को किसी की सलाह लेना पसंद नहीं होता यह अपना अधिकार नहीं छोड़ता और इस कारण मूलांक सात वाले कभी- कभी झगडा भी कर लेते हैं.इन्हें आर्थिक सफलताएँ अधिक प्राप्त नहीं होती और धन संग्रह करना भी इनके लिए मुश्किल काम है.
मूलांक सात वालों में एक कमी यह होती है, कि यह कोई भी ठोस निर्णय ले पाते
मूलांक सात प्रतिभावान होता है अत: दूसरों कि सलाह से अच्छा अपनी योग्यता को पहचाने. अति भावुक होने से बचें हित-अहित का बोध रखें.
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मूलांक 8 | What is the Impact of Moolank 8 (Janmank 8) on Your Life
मूलांक 8 का स्वामी ग्रह शनि को माना जाता है इस कारण मूलांक आठ के जातकों पर शनि का प्रभाव देखा जा सकता है. पाश्चात्य मूलांक ज्योतिषियों के मतानुसार भी मूलांक आठ के व्यक्ति शनि के प्रभाव से युक्त होते हैं. 8, 17, 26 तारीखों में जन्मे जातकों का मूलांक 8 होता है.मूलांक आठ के व्यक्ति शनि के प्रभाव से अपने जीवन में धीरे-धीरे उन्नति प्राप्त करते हैं. व्यवधानों, कठिनाइयों से जूझते हुए सफलता प्राप्त करना इनकी प्रकृति होती है तथा असफलताओं से घबराते नहीं हैं.
मूलांक आठ वाले व्यक्तियों का व्यवहार सहयोग पूर्ण होता है यह मदद करने में तत्पर रहते हैं.मूलांक आठ वालों में मित्रों की सहायता करने की चाह होती है, अपनी यथा शक्ति द्वारा सहयोगियों कि मदद करने का प्रयास करते हैं.
मूलांक आठ की विशेषताएं | Characteristics of Moolank 8
बातचीत करने में कुशल तथा तर्क में अच्छे तर्कशास्त्री होते हैं. मूलांक आठ वाले लगन के सच्चे और धुन के पक्के होते हैं, कार्य की पूर्णता एवं सफलता ही इनका लक्ष्य है. व्यक्तित्व की एक विशेषता यह भी है कि जब किसी के मित्र बनते हैं तो हर प्रकार से उसकी मित्रता का फर्ज निभाते हैं.धन के मामलों में इन लोगों को चिंता की ज्यादा आवश्यकता नहीं होती व्यवसाय या नौकरी में इन लोगों को अच्छा धन प्राप्त होता है, यह धन का उचित प्रकार से उपयोग करते है. धन की बर्बादी नहीं करते सोच समझ कर किफायत के साथ काम करते है इस कारण लोग इन्हें कंजूस भी समझ बैठते हैं.
मूलांक आठ वाले दिखावों से दूर रहते हैं यह ओर किसी भी प्रकार का बाहरी आड़ंबर पसंद नहीं करते, इनके व्यवहार से लोग इन्हें कठोर हृदय का समझने लगते हैं परंतु ऐसा नहीं है मन से मूलांक आठ वाले काफी भावुक एवं
दयालु हृदय के होते हैं.
इनका स्वभाव एवं व्यवहार सेवा-भाव वाला होता है किसी भी कार्य में श्रम, त्याग या बलिदान करने से पीछे नहीं हटते और इसी कारण अपनी मंज़िल अवश्य पाते हैं. यह सभी की सहायता करने के लिए सदैव तैयार रहते हैं.
शनि के प्रभाव स्वरूप मूलांक 8 के जातक संघर्षशील एवं परिश्रमी होते हैं तथा समस्याओं एवं विघ्नों को पार करते हुये सफलता को प्राप्त करते हैं इन्हें चाहे सफलता देर से मिले लेकिन वो सफलता स्थायी रूप से प्राप्त होती है.
मूलांक आठ में महत्वाकांक्षा का भाव उच्च होता है यह किसी भी उच्च पद की प्राप्ति इत्यादि के लिए सभी कुछ करने को उद्यत रहते हैं.
मूलांक 8 के व्यक्ति चरमपंथी या अतिवादीता के लक्षण भी दिखाई देते हैं यह जो भी कार्य करते हैं उसे अपनी पूर्ण चेतना शक्ति द्वारा करते हैं. यह जिस भी कार्य को करते हैं उसे पूरी ज़िम्मेदारी के साथ निभाने का प्रयास करते हैं और अपनी जिम्मेदारियों से पिछे नहीं हटते.
मूलांक आठ वाले लोग एकांत प्रिय तथा अंतर्मुखी होते हैं. अन्याय बर्दाश्त नहीं करते तथा इनके अंदर त्याग की भावना अधिक होती है.
मूलांक 8 वालों की कमियाँ | Demerits of Moolank 8
मूलांक 8 पर शनि के प्रभाव के कारण ही इस मूलांक वाले को बहुत कठिनाई से जुझना पड़ता है .लोग इन्हें रुखा और कठोर समझते हैं जबकि ऐसा नही है.मूलांक 8 वाले शंकाकुल या कहें की आशंकित स्वभाव वाले होते हैं. छोटी- छोटी बातों को लेकर निराश हो जाते हैं. अच्छा स्वभाव होने के बावजूद इनमें चालाकी का भाव भी होता है.
मूलांक 8 के व्यक्ति को समझना मुश्किल होता है इनके व्यक्तित्व में गहराई का समावेश होता है. अत:कई बार लोग इन्हें समझने में गलती भी कर जाते हैं.
मूलांक आठ वाले व्यक्ति जब किसी पर क्रोधित हो जाते हैं, तो उन्हें कुछ नहीं सूझता और बदला लेने के लिए के लिए उतावले हो जाते हैं.
मूलांक 8 वालों को चाहिए की एकांत से बचे, क्योंकि एकांत प्रिय होने से इनका मन दुखी और भारी हो सकता है, और निराश के भाव में जा कर यह कुछ गलत कर सकते हैं.
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मूलांक 9 | What is the Impact of Moolank 9 (Janmank 9) on Your Life
मूलांक 9 एक विशेष अंक है, इस मूलांक का स्वामी मंगल ग्रह है. मंगल क्रोधी ग्रह है अत: इसे युद्ध का देवता भी कहा जाता है इस कारण मूलांक 9 में मंगल के प्रभाव स्वरूप इस मूलांक में उग्रता को देखा जा सकता है. किसी भी माह की 9, 18 ओर 27 तारीख को जन्मे व्यक्तियों का मूलांक 9 होता है. मूलांक 9 के गुणों को देखते हुए भारतीय ओर पाश्चात्य अंक शास्त्रियों ने इसे एक महत्वपूर्ण मूलांक माना है.मूलांक नौ किसी भी अवस्था में हो परंतु यह अपना महत्व नहीं छोड़ता तथा इसका महत्व हर प्रकार से परिलक्षित होता है. मूलांक 9 वालों के लिए 21 मार्च से 26 अप्रैल के मध्य का समय अच्छा माना जाता है तथा यह समय मंगल की कृपा का समय माना गया है और 21 अक्टूबर से 27 नवंबर का समय मंगल की क्रूर दृष्टि का काल माना गया है.
मूलांक 9 का स्वभाव | Nature of Moolank 9
मूलांक 9 के प्रभावित व्यक्ति तेजस्वी व उग्र स्वभाव के होते हैं. मूलांक 9 वालों के स्वभाव में संगठन व नेतृत्व का गुण देखा जा सकता है. मूलांक नौ वालों में जोखिम उठाने का साहस भी होता है. एकाधिकार की प्रवृत्ति देखी जा सकती है. इनमें साहस अधिक होने से यह लोग अपने कार्यों को करते हुये, कठिनाईयों को आसानी से पार कर लेते हैं.इनके स्वभाव में तेजी तथा फुर्ती को देखा जा सकता है मूलांक 9 जल्दबाजी से कार्य कर करते हैं. इनकी हमेशा यही कोशिश रहती है कि यह जो भी कार्य हाथ में लें वह शीघ्रता पूर्वक समाप्त हो जाये. मूलांक नौ वाले लोग अनुशासन प्रिय होते हैं तथा दूसरों से भी अनुशासन रखने की इच्छा करते हैं.
मूलांक 9 की विशेषताएँ | Characteristics of Moolank 9
मूलांक 9 वाले जातक विरोध बर्दाश्त नहीं कर पाते. मूलांक 9 के जातक के स्वभाव और चरित्र पर मंगल ग्रह का सर्वाधिक प्रभाव देखा जा सकता है. मूलांक 9 वाले लोग शारिरीक क्रिया-कलापों के कार्यों को बेहतर तरह से करने में सक्षम होते हैं. यह लोग खेल कूद संबंधी या सेना से संबंधी क्षेत्रों में अच्छा करते हैं.मूलांक 9 के व्यक्ति अपनी इच्छा शक्ति और साहस द्वारा अनेक उपलब्धियाँ प्राप्त करते हैं. इस मूलांक के व्यक्ति अपने कार्यों द्वारा सभी को आश्चर्य चकित कर देने की इच्छा रखते हैं. मूलांक नौ वाले जातक किसी भी काम को पूरे जोश के साथ करते हैं और जो भी काम को करते हैं उसमें प्रतिष्ठा प्राप्त करने की चाहत भी रखते हैं.
मूलांक 9 वाले व्यक्तियों में चुनौतियों से लड़ने का अदभुत ज़ज़्बा होता है और अपने इस व्यवहार के कारण इनका जीवन दुर्घटनाओं से भी घिरा रहता है.
मूलांक 9 वालों को अपने किसी भी कार्य मे दूसरों का हस्तक्षेप पसंद नही आता. यह लोग अपने कार्यों को अपने अनुसार करने की चाह रखते हैं और उस पर पूर्ण नियंत्रण चाहते हैं. मूलांक नौ वालों में गजब की संगठन शक्ति होती है. आप किसी के अधीन काम करना पसंद नही करते.
नकारात्मक पहलू | Negative Characteristics of Moolank 9
मूलांक नौ स्वभाव से उग्र और चंचल प्रकृति का होता है. इस कारण मूलांक 9 वाले लोग गुस्सैल भी होते हैं, इनके स्वभाव को जान नहीं पाते और इनके इसी स्वभाव के कारण लोग इन्हें विरोधी तथा दुश्मन समझ लेते हैं. जीवन में शत्रुओं की बाहुल्यता रहती है, साहसिक एवं जोखिमपूर्ण कार्य में रहा करते हैं इस कारण इनके जीवन में अनेक बार चोट, घाव, शस्त्राघात एवं दुर्घटना आदि होती रहती है.================
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